सार
Independence day 2023: ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, यह गाना जब भी सुनाई देता है हर भारतीय की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इस गाने का इतिहास क्या है और कब इसे पहली बार गाया गया था।
लाइफस्टाइल डेस्क: इस साल 15 अगस्त 2023 को भारत अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। ऐसे में हर स्कूल, कॉलेज, संस्थानों और जगह-जगह देश भक्ति के गाने बजाए जाते हैं। इसमें ए मेरे वतन के लोगों जरा आंखों में भर लो पानी गाना तो जरूर सुनाई देता है। दिवंगत सिंगर लता मंगेशकर की मधुर आवाज में गाया हुआ यह गाना कवि प्रदीप ने लिखा था और संगीत उस्ताद सी रामचंद्र ने दिया था। यह दिल को छू लेने वाला गीत हर भारतीय के दिल में एक खास जगह रखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस देशभक्ति गाने को सबसे पहले कब गाया गया था? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ए मेरे वतन के लोगों गाने का इतिहास...
जब लता दीदी ने पहली बार गाया था ए मेरे वतन के लोगों
ए मेरे वतन के लोगों जरा आंखों में भर लो पानी इस गीत को प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर ने 27 जनवरी 1963 को सबसे पहली बार अपनी मधुर आवाज में गाया था। दरअसल, 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में लाइव प्रोग्राम आयोजित किया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सैकड़ों सैनिकों के परिजन शामिल थे। जब लता मंगेशकर ने इस गाने को अपनी मधुर आवाज में गाया, तब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सभी दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए थे और इस गाने ने एक अमिट छाप छोड़ी।
6 दशक बाद भी लोगों के दिल के करीब है लता दीदी का गाना
लता मंगेशकर का यह देशभक्ति गीत आज भी हर भारतीय के दिल को छू जाता है। यह उन भारतीय सैनिकों के बलिदान और वीरता का जश्न मनाता है, जो देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए निडर होकर लड़े। यह गीत अक्सर स्वतंत्रता दिवस समारोह और अन्य देशभक्ति कार्यक्रमों के दौरान प्ले किया जाता है। जैसे कि हम इस साल 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। ऐसे में ए मेरे वतन के लोगों हमारे स्वतंत्रता सेनानी और सैनिकों के संघर्ष और बलिदानों की एक शाश्वत याद दिलाता है। यह हमें हम अपनी स्वतंत्रता को समझने और अपने प्यारे राष्ट्र के लिए एक उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है।
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