सार
Lord Krishna 8 wonderful temples of the india: जानें भारत के टॉप-8 भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों के बारे में , जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इस जन्माष्टमी आप एकबार जरूर जाकर यहां भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करें।
जन्माष्टमी का त्योहार विशेष रूप देशभर में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा केवल हिंदू धर्म और भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विदेशों में भी कृष्ण को पूजा जाता है। इस साल 2023 देशभर में 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। ऐसे में आज हम आपको भारत के टॉप-8 भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। यहां आपको एकबार जरूर जाकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने चाहिए। जानिए इन मंदिरों के बारे में।
बांके बिहारी का मंदिर
वृंदावन का मंदिर बांके बिहारी का प्रसिद्ध मंदिर मथुरा में स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां प्रेम मंदिर भी है और 1975 में बना प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर भी यहीं है।इस व्रज क्षेत्र में गोवर्धन पर्वत भी है जहां श्रीकृष्ण से जुड़े कई मंदिर हैं। जन्माष्टमी के दिन यहां मंगला आरती की जाती है, जिसके बाद रात के 2 बजे ही भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं। यह जानना भी जरूरी है कि इस मंदिर में साल में केवल एक बार ही मंगला आरती होती है। बालकृष्ण के जन्म के बाद यहां भक्तों के बीच खिलौने और कपड़े बांटे जाते हैं।
मथुरा जन्मभूमि
मंदिर श्रीकृष्ण का जन्म उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर मथुरा की एक जेल में हुआ था। इस जगह के एक तरफ मंदिर और दूसरी तरफ मस्जिद है। द्वारकाधीश मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति काले रंग की है, जबकि राधा की मूर्ति सफेद रंग की है। प्राचीन मंदिर होने के कारण इसकी वास्तुकला भी भारत की प्राचीन वास्तुकला से प्रेरित बताई जाती है। जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से विशेष पूजा शुरू होती है, फिर रात 12 बजे के बाद भगवान कृष्ण को सजाया जाता है और रात भर उनकी पूजा की जाती है।
उडुपी का कृष्ण मंदिर
दक्षिण भारत का यह मंदिर भगवान की आकर्षक मूर्ति को रत्नों और स्वर्ण रथ से सजाया गया है। लेकिन एक चीज है जो इस मंदिर को खास बनाती है, वो है इस मंदिर की पूजा पद्धति। पूरी पूजा की प्रार्थना और प्रक्रिया एक चांदी की परत वाली खिड़की से होती है, जिसमें नौ छेद होते हैं जिन्हें 'नवग्रह किटिकी' कहा जाता है। उडुपी अनंतेश्वर मंदिर के नाम से जाने जाने वाले कई मंदिर श्रीकृष्ण मठ के चारों ओर हैं। यह मंदिर 1000 साल पुराना माना जाता है।
प्रेम मंदिर, वृंदावन
भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडा स्थली कहे जाने वाले वृंदावन में श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के अनगिनत किस्से और कहानियां सुनने को मिल जाएंगे। वहीं, वृंदावन का प्रेम मंदिर ऐसा है, जो अटूट प्रेम का प्रतीक है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा के साथ-साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और माता सीता के प्रेम का प्रतीक भी इसी मंदिर को माना जाता है। वृंदावन के छटीकरा मार्ग स्थित प्रेम मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम की निशानी है। जन्माष्मी पर इस मंदिर में खूब भीड़ लगती है.
केरल में गुरुवायूर मंदिर
इस मंदिर को पृथ्वी पर विष्णु के पवित्र निवास और दक्षिण भारत के द्वारका के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1638 में हुआ था। मंदिर में जाने या प्रवेश करने के लिए एक सख्त ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए और गैर-हिंदुओं को अनुमति नहीं है। यहां मंदिर में मूर्ति मोती का हार पहने हुए कृष्ण का चार भुजाओं वाला संस्करण है।
उड़ीसा में जगन्नाथ पुरी मंदिर
भगवान वासुदेव अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा (अर्जुन की पत्नी और अभिमन्यु की मां) के साथ पुरी, ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर में रहते हैं। रथ यात्रा के बाद यहां सबसे ज्यादा खुशी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर होती है। यहां श्रीकृष्ण अपने भाई और बहन के साथ गहरे रंग में विराजमान हैं। हिंदू धर्म में इस मंदिर का विशेष महत्व है।
गुजरात का द्वारकाधीश मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर, जिसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, आदि शंकराचार्य द्वारा देखे गए चार धाम स्थानों में से एक है। यह मंदिर अरब सागर के तट पर स्थित है और गुजरात में गोमती नदी के तट पर राधा कृष्ण से जुड़ा हुआ है। यह हरि गृह (कृष्ण के घर) के चारों ओर उस भूमि पर बनाया गया था, जिसे भगवान ने समुद्र से प्राप्त किया था। जन्माष्टमी के दिन ये लोग उत्साही नजर आते हैं. जन्माष्टमी के दिन यहां आयोजित भव्य पूजा समारोह को देखने के लिए दूर-दूर से लोग द्वारका आते हैं।
इस्कॉन मंदिर, वृंदावन
मथुरा के वृंदावन (Vrindavan News) में एक ऐसी ही दर्शनीय जगह है इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple)। वैसे तो इस्कॉन मंदिर नोएडा और दिल्ली समेत देश के तमाम शहरों में है, वृंदावन में साल 1975 में इस्कॉन मंदिर बना था। आज हजारों की संख्या में श्रद्धालु रोजाना मंदिर के दर्शन करते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस्कॉन मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां दी गई जानकारी आपके काम की हो सकती है।
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