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Swami Vivekananda death anniversary: स्वामी विवेकानंद के ये 10 अनमोल वचन हर युवा को करते है मोटिवेट
Swami Vivekananda's death anniversary: स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ और 4 जुलाई 1902 में हावड़ा में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको बताते हैं उनके अनमोल विचार, जो सभी के लिए बहुत मायने रखते हैं

उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, न ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है, तुम तत्व के सेवक नहीं हो- स्वामी विवेकानंद
चिंतन करो, चिंता नहीं; नए विचारों को जन्म दो- स्वामी विवेकानंद
सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो- स्वामी विवेकानंद
जिस दिन आपके सामने कोई समस्या न आए, आप यकीन कर सकते हैं कि आप गलत रास्ते पर सफर कर रहे हैं- स्वामी विवेकानंद
एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ- स्वामी विवेकानंद
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते- स्वामी विवेकानंद
हम जितना ज्यादा बाहर जाएं और दूसरों का भला करें. इससे हमारा हृदय ही शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे- स्वामी विवेकानंद
ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं, जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है- स्वामी विवेकानंद
अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है अन्यथा ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए, उतना बेहतर है- स्वामी विवेकानंद
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक कि लक्ष्य न प्राप्त हो जाए- स्वामी विवेकानंद