सार

हिंदू धर्म में दीया जलाने का विशेष महत्व है, लेकिन क्या आप जानते हैं इसे जलाने का सही तरीका? जानें, किस दिशा में, कितने बत्ती और किस मंत्र के साथ दीया जलाना होता है शुभ।

हिंदू धर्म में दीया जलाने का खास महत्व है, सुबह और शाम के वक्त दीया जलाने की परंपरा तो है ही, साथ ही इसके अलवा लोग पवित्र पेड़, मंदिर, ब्राम्हण या संत की पूजा के वक्त भी दीया जलाकर आरती करते हैं। लेकिन क्या आपको दीया जलााने और आरती करने की सही विधि पता है। कहां किस तरह का दीया जलाना शुभ फलदायी होता है। बहुत से लोग आज भी गलत तरीके से दीया जलाते हैं, ऐसे में यदि आप दीपक जलाने का सही लाभ लेना चाहते हैं, तो हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट जय मदान के द्वारा बताए गए इस नियम को फॉलो करें।

शास्त्रों में दिया जलाने का सही तरीका

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1. दिया जलाने का सही समय और स्थान क्या है?

दिया जलाने का सर्वोत्तम समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय होता है। दीया को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जलाना चाहिए। दिया जलाने का उचित स्थान तुलसी के आगे, घर के अंदर भगवान की मूर्ति या चित्र के आगे और घर के मुख्य द्वार पर दीया जलाना शुभ माना गया है।

2. दीया जलाने के लिए ये सामग्री है उचित

  • दीया: मिट्टी, पीतल या कांसे का दीया उत्तम माना जाता है।
  • बाती: कपास या मौली धागे की बाती का उपयोग करें।
  • तेल या घी: शुद्ध तिल का तेल, सरसों का तेल, या गाय का घी का उपयोग दीप जलाने के लिए करें।

3. दीपक की संख्या कितनी हो?

  • पूजा में आमतौर पर एक या पांच दीपक जलाने की परंपरा है।
  • अगर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना हो, तो दो दीपक जलाने का विधान है। वहीं, तुलसी और घर के अंदर भगवान के सामने एक-एक दीप जलाएं।

4. बाती का स्थान क्या है?

दीया में बाती को इस प्रकार रखें कि वह दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर मुख करे। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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5.दीपक जलाने की सही विधि क्या है?

  • सबसे पहले दीये को साफ पानी से धोकर पोंछ लें या फिर मिट्टी या राख से मांजकर धो लें।
  • दीये में घी या तेल भरें।
  • रुई की बाती बनाकर उसे दीये में रखें और उसकी एक नोक बाहर निकालें।
  • माचिस या दीपक से बाती को जलाएं।
  • जलते दीपक को भगवान के सामने, पूजा स्थल, या घर के किसी शुभ स्थान पर रखें।

6. मंत्रोच्चार: दीया जलाते समय इन मंत्र का उच्चारण करें:

शुभम् करोति कल्याणम्, आरोग्यम् धनसम्पदा।

शत्रुबुद्धिविनाशाय, दीपज्योतिनमोऽस्तुते॥

7. दीये की देखभाल: 

दीया जलते समय उसकी लौ को लगातार देखते रहें और यह सुनिश्चित करें कि वह बुझने न पाए।

8. पुरानी दीया ही जलाएं

कोशीश करें कि दीया हमेशा न बदली जाए, मिट्टी हो या पितल एक दीपक का इस्तेमाल सालों साल करें, यह पुराना दीया विशेष फलदायी होता है।

9. किस देव के सामने जलाएं कैसी दीया

बता दें की हमेशा देवताओं के सामने गोल बत्ती वाली दीया जलाएं और देवीयों के सामने लंबी बत्ती वाली दीया जलाएं, लंबी बत्ती वंश वृद्धि का प्रतिक है।

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10. अपनी दीया ही जलाएंं

मंदिर जाएं, तो हमेशा घर से दीया लेकर जाएं, वहां रखी हुई दीया जलाने से दीप जलाने का फल आपको नहीं बल्कि जिसका दीप है उसे मिलेगा।

इस प्रकार से शास्त्रानुसार दीया जलाने से घर में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है।