सार
बहुत से लोग अपने घर के मंदिर में माता लक्ष्मी के साथ, धन के देवता कुबेर महाराज की मूर्ति या चित्र स्थापित करते हैं। बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, धन के देवता कुबेर को घर की उत्तर (नॉर्थ) दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। नॉर्थ दिशा कुबेर की दिशा मानी जाती है और वहां उनकी मूर्ति रखने से घर में धन-संपदा और समृद्धि आती है। इस लेख में हमने आचार्य पंकित गोयल के अनुसार घर के उत्तर दिशा में कुबेर की मूर्ति रखने के फायदे के बारे में बताया है, चलिए जानते हैं आगे इसके बारे में विस्तार से।
घर के उत्तर दिशा में कुबरे की मूर्ति रखने के फायदे
1. धन की बरकत में वृद्धि
कुबेर धन के स्वामी हैं और उनकी मूर्ति को नॉर्थ दिशा में रखने से धन के स्रोत बढ़ते हैं। यह आर्थिक तंगी को दूर करने और घर में धन का प्रवाह बनाए रखने में सहायक होता है।
2. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
नॉर्थ दिशा में कुबेर की मूर्ति रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर वातावरण को शुद्ध और शुभ बनाती है।
इसे भी पढ़ें: रसोई गैस चूल्हे से जुड़ी ये वास्तु गलतियाँ ला सकती हैं घर में दरिद्रता!
3. निवेश और व्यापार में सफलता
यदि आप व्यवसाय करते हैं या निवेश करते हैं, तो कुबेर की मूर्ति को सही स्थान पर स्थापित करना आर्थिक लाभ और सफलता के अवसर बढ़ाता है। यह व्यापार में तरक्की के साथ लाभदायक सौदों को आकर्षित करता है।
4. घर में स्थिरता और संतुलन
कुबेर मूर्ति रखने से घर में आर्थिक स्थिरता आती है। यह अनावश्यक खर्चों को नियंत्रित करने और परिवार में संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
5. कर्ज मुक्ति में सहायक
अगर आप कर्ज में हैं, तो नॉर्थ दिशा में कुबेर की मूर्ति स्थापित करना और उनकी नियमित पूजा करने से कर्ज से छुटकारा मिलने की संभावना बढ़ती है।
6. सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक
कुबेर की मूर्ति न केवल धन को आकर्षित करती है, बल्कि घर के हर सदस्य को सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद भी देती है। यह परिवार में खुशहाली और उन्नति को सुनिश्चित करती है।
इसे भी पढ़ें: घर में चांदी के नंदी, सरस्वती और मोर रखने से मिलेगी किस्मत की सौगात!
महत्वपूर्ण बातें मूर्ति रखने के लिए:
- मूर्ति को हमेशा नॉर्थ दिशा में रखें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- मूर्ति के पास चांदी या तांबे का सिक्का रखें।
- कुबेर की पूजा में लाल या पीले फूल, घी का दीपक और मिठाई का भोग अर्पित करें।
- कुबेर यंत्र या कुबेर के मंत्र का नियमित जाप करें।