सार
उत्तरी लंदन की यासमेन कप्तान इन दिनों सुर्खियों में हैं। वो पिछले एक साल से खाना छोड़ रखी हैं। हफ्ते में सिर्फ एक दिन खाने का वो दावा करती हैं। छह बिल्लियों को पालने वाली महिला ने इसके पीछे जो वजह बताया वो जानकर दंग रह जाएंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क. हर इंसान को हेल्दी रहने के लिए दिन में दो से तीन टाइम खाना तो जरूरी होता है। लेकिन एक महिला हफ्ते में सिर्फ एक दिन खाती है। उसका दावा है कि वो एक साल से खाना छोड़ रखी है। इसके पीछे वजह हैरान करने वाला है। 46 साल की महिला का नाम यासमेन कप्तान(Yasmen Kaptan) है जो उत्तरी लंदन में रहती हैं। सवाल है कि आखिर क्यों वो भूखा रहती हैं। तो चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
दरअसल, यासमेन के भूखे रहने के पीछे वजह उनकी छह बिल्लियां हैं। जिन्हें वो बहुत प्यार करती हैं। वो भूखा ना रह जाए इसलिए उन्होंने खाना छोड़ दिया है। वो अपनी पालतू पेट को हर दिन खाना खिलाती हैं। उनका कहना है कि वह अपने पालतू जानवरों को जाने देना सहन नहीं कर सकती क्योंकि जब वे बिल्ली के बच्चे थे तब से उनके पास ये सब हैं।
बिल्लियों को जाने देना गंवारा नहीं
यासमेन ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में लिविंग कॉस्ट काफी बढ़ गया है। हर चीज महंगा हो गया है। ऐसे में खाने का खर्चा उठा पाना काफी मुश्किल हो रहा है। इसलिए वो एक साल से हफ्ते में एक बार खाने वाला रुटीन फॉलो कर रही हैं, ताकि अपनी 6 बिल्लियां पर्याप्त खाना दे सकें। डेली मेल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें पाने के लिए बहुत पैसे दिए हैं। उनकी उम्र काफी हैं और ऐसे में उन्हें जाने देना सही नहीं हैं।17 साल से वो मेरे बच्चे जैसे हैं।
सारे पैसे बिल्लियों पर हो जाते हैं खर्च
महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण 400 पाउंड मासिक विकलांगता लाभ मिलता है, जो किराए और बिलों पर जाता है। उसे अपने साथी की देखभाल करने के लिए प्रति सप्ताह 69पाउंड भत्ता भी मिलता है। इसमें से 60 पाउंड यानी छह हजार रुपए से ज्यादा बिल्लियों पर खर्च करती हैं।
भूख मिटाने के लिए पीती हैं पुदीने की चाय
यासमेन बताती हैं कि जब मुझे अपने देखभालकर्ता का भत्ता मिलता है तो यह बिल्ली के भोजन, बिस्कुट और खास दूध पर खर्च हो जाता है। मैं केवल अपने फोन बिल का भुगतान कर सकती हूं।वह भूख मिटाने के लिए ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में पुदीने की चाय पीती हैं। उनके भोजन में आमतौर पर मिर्च, प्यार और सलाद जैसे रोस्टेड सब्जियां होती हैं। खाना बंद करने के बाद से उनका वजन 31 किलो कम हो गया है।
इस बीमारी से जूझ रही महिला
ओस्टियोपोरोसिस ट्रीटमेंट के बाद महिला को साल 2022 में अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। उसके टूटने की आशंका बनी होती हैं। वो बताती हैं कि बीमारी और भूखे रहने की वजह से वो हर दूसरे दिन रोती हैं। लेकिन वो खुद को खुश रखने की भी कोशिश करती रहती हैं। वो बताती हैं कि मैं निराश और थका हुआ महसूस कर रही हैं। कुछ हफ्तों से मैं बिल्कुल भी ठीक से नहीं खा रही हूं। मेरे पास सिर्फ तरल पदार्थ है।
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