बेटे को आप जितना भी सीखा लें वो आपके बातों से ज्यादा आपको देखकर सीखता है। हर बेटे का आइडियल उसका पिता होता है, इसलिए वो जो भी सीखता है अपने पिता को देख देखकर उसके व्यवहार से सीखता है।

5 Powerful Life Lessons Learned From His Father: बच्चे हमेशा वही नहीं सीखते जो आप उन्हें सिखाते हैं, बल्कि वो सबसे ज्यादा वही सीखते हैं जो वो आपको करते हुए देखते हैं। खासकर बेटे अपने पिता को देखकर जीवन के कई अहम सबक चुपचाप सीखते हैं। आप अपने बेटे को कितनी भी बड़ी-बड़ी बातें सिखाएं, लेकिन अगर आपके व्यवहार में वो बात नहीं है, तो वो असर नहीं करता। इसीलिए हर पिता को यह समझना बेहद जरूरी है कि आपका हर कदम, आपकी हर प्रतिक्रिया, आपके हर रिश्ते का तरीका, बिना कहे आपके बेटे को बहुत कुछ सिखा रहा होता है। इसलिए हर पिता को ये जानना चाहिए कि उनका बेटा उन्हें देखकर क्या-क्या सीखता है।

पिता के देख बेटा सीखता है ये 5 चीजें (5 Things a Son Learn From His Father)

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1. रिश्तों में सम्मान और प्यार का तरीका

बेटा अपने पिता को देखकर सीखता है कि उन्हें अपनी पत्नी यानी बेटे की मां से कैसे व्यवहार करना है। अगर आप अपनी पत्नी से सम्मान पूर्वक और प्यार से बात करते हैं, तो बच्चा भी आगे चलकर महिलाओं से वैसे ही पेश आएगा। अगर आप गुस्से या कंट्रोल में बात करते हैं, तो वह भी वही सीखेगा।

2. गुस्से से कैसे डील करें

पिता अगर किसी परेशानी या गुस्से वाली स्थिति में शांत रहते हैं, संयम से काम लेते हैं, तो बेटा भी यही सीखता है कि क्रोध कैसे नियंत्रित किया जाए। लेकिन अगर आप छोटी बात पर भड़क जाते हैं, चिल्लाते हैं, तो बच्चा भी आपको देखकर गुस्सा ही सिखेगा।

3. फैमिली की अहमियत क्या होती है?

बच्चा देखता है कि पापा फैमिली टाइम में फोन साइड रखते हैं या नहीं, वीकेंड पर परिवार के साथ समय बिताते हैं या नहीं। जब पिता घर में मदद करते हैं, सपोर्ट करते हैं, तब बेटा समझता है कि परिवार क्या होता है और उसके लिए समय निकालना कितना जरूरी है।

4. असली मर्दानगी क्या होती है (True Masculinity)

बच्चे को समझाना नहीं पड़ता कि मर्दानगी का मतलब सिर्फ पावर या आवाज उठाना नहीं है। वो खुद देखकर समझता है कि पिता जिम्मेदार हैं, अपनी गलती मानते हैं, दूसरों पर इल्जाम नहीं लगाते। यही असली मर्दानगी है, जो बेटा आपसे बिना कहे सीखता है।

5. "मैं बड़ा होकर अपने पापा जैसा बनूंगा"

हर बेटा अपने पापा को देखकर सोचता है कि बड़ा होकर मैं भी ऐसा ही बनूंगा। इसलिए जरूरी है कि आप उसके लिए हमेशा इमोशनली, मेंटली और फिजिकली अवेलेबल रहें। उसे सुनें, समझें और साथ दें। पिता का रोल भी मां जितना ही महत्वपूर्ण होता है बच्चे के डेवलपमेंट में।