सार
Dead bodies part sold by American Couple: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में खुलासा हुआ है कि यहां कई वर्षों से मुर्दों की खरीद-फरोख्त हो रही थी। पति-पत्नी मुर्दाघर से डेड बॉडीज के अंग चुराकर बेच रहे थे। अब तक कपल 50 लाख से ज्यादा की डील कर चुका है।
रिलेशनशिप डेस्क: दुनियाभर में लगातार आपराधिक मामले बढ़ रहे हैं। आयदिन ऐसे-ऐसे मामले सुनने को मिल रहे हैं जिससे लोगों की रूह कांप जाए। अब सिर्फ जिंदा लोगों के साथ ही नहीं बल्कि मुर्दाओं के साथ भी क्राइम बढ़ता जा रहा है। अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ गया है इसका खुलासा ये ताजा मामला कर रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका में कई वर्षों से मुर्दों की खरीद-फरोख्त हो रही थी, जिसका अब जाकर भंडाफोड़ हो सका है।
अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में खुलासा हुआ है कि यहां कई वर्षों से मुर्दों की खरीद-फरोख्त हो रही थी। ताजुब की बात तो ये है कि इस काम में यहीं का एक स्टाफ कपल शामिल था। ये पति-पत्नी हार्वर्ड के मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर से डेड बॉडीज के अंग चुराकर बेच रहे थे। अब दोनों का जुर्म सामने आ चुका है और इन मुकदमा चलाया जा रहा है। इसके लिए उन्हें 15 साल की सजा हो सकती है।
दान में मिले शवों के अंगों को ऑनलाइन बेच रहा था कपल
मुर्दों के अंग को चुराने का यह काम कई सालों से चल रहा था। ब्लैक मार्केट में ऊंची कीमतों पर दोनों लाश से सिर, हड्डियां, स्किन और मांस निकाल कर बेचा करते थे। साल 2020 में मैकलीन नाम की महिला को एक लाश के चेहरे की स्किन लगभग 50 हजार रूपए में बेची थी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेड्रिक लॉज नाम का शख्स हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुर्दाघर में मैनेजर था। यहीं पर सेड्रिक अपनी पत्नी डेनिश के साथ मिलकर डेड बॉडीज के पार्ट्स चुरा लेता था। क्योंकि पूरे अमेरिका से दान किए मुर्दों को यहां लाया जाता था। इन्हीं बॉडी पार्ट्स को पति-पत्नी ऑनलाइन बेचते थे। देश भर में उनका नेटवर्क फैला हुआ था।
मुर्दों को बेचकर अब तक कपल कर चुका 50 लाख से ज्यादा की डील
कपल के पास से कुछ ग्राहक की डिटेल मिली है। इसमें एक पेमेंट में ‘सिर नंबर 7 के लिए 1 हजार डॉलर’ लिखा था। सेड्रिक ने कम से कम 6 लाशों के सिर बेचे थे और प्रत्येक सिर के लिए 1 हजार डॉलर यानी लगभग 80 हजार रुपए लिए। जानकारी के मुताबिक सेड्रिक सिर्फ इस ग्राहक से ही पिछले 4 सालों में 50 लाख रूपए से ज्यादा की डील कर चुका था। इन बॉडी पार्ट्स का इस्तेमाल पारंपरिक दवाइयां बनाने और गैर-कानूनी रिसर्च में होता था।
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