Madras High Court: मद्रास हाईकोर्ट में एक महिला वकील ने इंसाफ की गुहार लगाई। उसने कोर्ट को बताया कि उसके पूर्व पार्टनर ने बदला लेने के लिए उसके साथ घिनौनी हरकत की है। वकील की पूरी कहानी सुनकर जज भावुक हो गए।

Female lawyer Private photos leaked Case: चेन्नई से सामने आई यह कहानी उन लड़कियों के लिए एक चेतावनी है, जो प्यार में अंधा विश्वास कर अपना सबकुछ सामने वाले के हवाले कर देती हैं। कॉलेज के दिनों में शुरू हुआ एक रिश्ता, जिसमें विश्वास, प्यार और वादों का संसार था अब डिजिटल ब्लैकमेलिंग की एक डरावनी मिसाल बन गया है। जिसे सुनकर मद्रास हाईकोर्ट के जज भी भावुक हो गए और कह दिया कि अगर ये मेरी बेटी होती तो।

पुलिस और मंत्रालय में गुहार लगा चुकी महिला वकील के हाथ जब कुछ नहीं लगा तो उसने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान उसने बताया कि कॉलेज के दिनों में उसके पार्टनर ने चुपके से उनके प्राइवेट पलों को रिकॉर्ड कर लिया था। कुछ सालों बाद जब उनका ब्रेकअप हो गया तो उसने उन तस्वीरों और वीडियो को वायरल कर दिया और एडल्ट साइट पर डाल दिया। 1 अप्रैल को पुलिस और 18 जून को आईटी मंत्रालय से अपील की कि उसके कंटेट को हटा दिया जाए। लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।

मद्रास हाई कोर्ट के जज हुए भावुक

पीड़ित महिला वकील की दर्दभरी कहानी सुनकर मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एन.आनंद वेंकटेश कोर्टरूम में भावुक हो गए। उन्होंने कहा, 'मैं सोच रहा था कि अगर यह महिला वकील मेरी बेटी होती तो क्या होता?' इस बात को कहते हुए उनकी आवाज भर आई। उन्होंने आगे कहा कि वह खुद पीड़िता से मिलकर उसे ढांढस बंधाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें डर है कि शायद वो खुद ही रो पड़ें।

इंटरनेट की खामियों पर उठाया सवाल

जज वेंकटेश ने सिस्टम की खामियों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'हमने इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे फ्रेंकस्टाइन जैसे राक्षस तो बना दिए हैं, लेकिन महिलाओं को ऐसे अपराधों से बचाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था अब तक नहीं बनाई है।' र्ट ने केंद्रीय आईटी मंत्रालय और पुलिस को आदेश दिया कि महिला की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो 48 घंटे के भीतर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से हटाए जाएं। साथ ही निर्देश दिया गया कि ऐसी शिकायतों को बेहद गंभीरता से लिया जाए और तुरंत कार्रवाई हो।

महिलाओं के खिलाफ बढ़ता साइबर क्राइम

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के किए गए एक शोध में पता चलता है कि तीन में से एक महिला ने अपने जीवनकाल में किसी न किसी रूप में हिंसा का अनुभव किया होगा। इंटरनेट की वजह से अपराध में और बढ़ोतरी हुई है। यह अनुमान लगाया गया है कि दस में से एक महिला ने 15 वर्ष की आयु से पहले ही साइबर हिंसा का एक रूप अनुभव किया है।

NCRB की रिपोर्ट (2022) फीमेल साइबर क्राइम पर

कुल साइबर अपराध मामलों में 65,893 दर्ज हुए, जो 2021 की तुलना में 24.4% बढ़ोतरी को दिखाता है। इनमें से 5,610 मामले सीधे सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन से जुड़े थे यानी लगभग 8.5% । 2021 में साइबर अपराध मामलों में महिलाओं के खिलाफ एक्टिविटी करीब 28 प्रतिशत बढ़ी है।

प्यार में पर्सनल मोमेंट्स ना करें शेयर

आजकल के रिश्तों में यह आम हो गया है कि कपल्स अपने निजी पलों की तस्वीरें और वीडियो एक-दूसरे से शेयर करते हैं। लेकिन जब वही रिश्ता टूटता है, तो कभी-कभी यह तस्वीरें या वीडियो ब्लैकमेलिंग और डिजिटल रेप में बदल जाती है।

पर्सनल कंटेंट कभी भी डिजिटल फॉर्म में किसी के साथ न शेयर करें।चाहे रिश्ता कितना भी गहरा क्यों ना लगे।

अगर किसी ने आपके प्राइवेट तस्वीर या वीडियो सोशल मीडिया पर डाला तो तुरंत साइबर क्राइम सेल और आईटी मंत्रालय से संपर्क करें।