सार

शारीरिक रिलेशनशिप को जीवन का आधार माना जाता है। लेकिन एक ऐसी जगह है जहां पर इसे पाप माना जाता है। यहां पर महिला और पुरुष शादी के बाद तभी रिश्ता बनाते हैं जब उन्हें अपनी फैमिली बढ़ाना होता है। वो भी पूरे कपड़े में वो फीजिकल होते हैं। 

 

रिलेशनशिप डेस्क.उत्तर पश्चिम यूरोप में स्थित आयरलैंड दुनिया के सबसे खूबसूरत देशों में एक है। इसके ज्यादातर हिस्से समुद्र के बीचों बीच हैं। यहां पर कई तरह की जनजातियां रहती हैं। जो अलग अंदाज में रहते हैं। इनकी परंपराएं भी अलग-अलग होती है। इन्हीं में एक जनजाति हैं जिनके यहां पर सेक्स यानी फीजिकल रिलेशनशिप को पाप माना जाता है। ये तभी फीजिकल होते हैं जब इन्हें फैमिली बढ़ाना होता है। मतलब बच्चा पैदा करने के लिए पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रिश्ता बनाते हैं।

फिजिकल रिलेशनशिप को लेकर अजीब गरीब  सोच

आयरलैंड के ‘इनिस बेग’ आइलैंड पर रहने वाले जनजाति के यहां अजीबो गरीब नियम है। यहां रहने वाले लोग मुख्यधारा से अलग हैं। ये अपनी परंपराओं को लेकर काफी रुढ़िवादी हैं। इनिस बेग पर रहने वाले लोग फिजिकल रिलेशनशिप को बुरा मानते हैं। यहां पर शादीशुदा कपल तभी फिजिकल होते हैं जब उन्हें बच्चा पैदा करना होता है। इतना ही नहीं ये पूरे कपड़े में यानी बिना नेकेड हुए फिजिकल होते हैं। बच्चा होने के बाद फिजिकल होना पाप माना जाता है।यहां रहने वाले जनजाति का मानना है कि फिजिकल रिलेशनशिप महिलाओं के साथ अत्याचार या दमन की तरह है।

रोमांस यहां पर है बैन

इस आइलैंड पर शादी से पहले रोमांस करना गलता है। हस्तमैथुन, चुंबन और समलैंगिकता यहां पर बैन है। अगर किसी को ऐसा करते पाया जाता है तो उसे सजा दी जाती है। खुले में गंदगी करना मसलन पेशाब और शौच करना मना है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे कड़ी सजा दी जाती है।

नहाने की बजाय करते हैं ये काम

कृषि, पशुपालन और समुद्री मछली पर जीवन जीने वाले यहां के लोग खुद को कभी नेकेड नहीं रखते हैं। हैरानी तो तब होती है जब ये लोग नहाते नहीं है क्योंकि इन्हें कपड़े उतारने होंगे। ये लोग पानी से सिर्फ हाथ-पैर और चेहरा धोते हैं।

लिंग के आधार पर बांटे गए हैं काम

पीरियड्स के दौरान महिला घर से बाहर नहीं निकलती हैं। वो बेड पर ही पड़ी रहती हैं। यहां की महिलाएं इसे पागलपन का वक्त मानती हैं। इतना ही नहीं पति के साथ संभोग के दौरान भी निष्क्रिय होती है। पति ही पहल करता है। दोनों के बीच उस दौरान कोई रोमांस नहीं होता है। बस एक काम की तरह इसे करते हैं। इसके बाद पति कहीं और जाकर सो जाते हैं। इस जनजाति में बच्चों की एक्टिविटीज भी लिंग के आधार पर है। कुछ एक्टिविटीज लड़के करते हैं। इसमें लड़कियां हिस्सा नहीं ले सकती हैं। वहीं कुछ लड़कियों की एक्टिविटीज होती है जिसमें लड़के नहीं शामिल होते हैं।

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