सार
एक कलयुगी बेटा ने अपने ही जन्मदाता को मारने के लिए 1 करोड़ रुपए की सुपारी देकर दो किलर्स को हायर किया। फिर पिता की बेरहमी से हत्या करा दी। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
रिलेशनशिप डेस्क. जिस बेटे को अंगुली पकड़कर चलना सिखाया था, वहीं बड़ा होकर उनकी सांसें छीन लीं। कलयुगी बेटे की कहानी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से जुड़ी है। जहां बेटे ने पिता की हत्या करवा दी। हत्या को अंजाम देने के लिए उनसे एक करोड़ रुपए की सुपारी दी थी। 32 साल का आरोपी कुछ समय पहले ही जेल से छूटा था। उसपर पत्नी की हत्या का आरोप लग चुका था। चलिए वारदात की पूरी कहानी तफ्तीश से बताते हैं।
मराठीहल्ली के कावेरप्पा ब्लॉक में नारायण स्वामी रहते थे। 13 फरवरी को उनकी हत्या उनके अपार्टमेंट के बाहर दो बाइक सवार ने कर दी। चाकू से गोदकर नारायण स्वामी को उन्होंने मार डाला। नारायण स्वामी का बेटा एन मणिकांत हत्या का चश्मदीद गवाह था। उस मराठाहल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जब पड़ताल की तो हैरान रह गई। मणिकांत ही इस हत्या में शामिल था। उसने 1 करोड़ की सुपारी दी थी पिता की हत्या करने के लिए।
बहू को फ्लैट देने से नाराज था बेटा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मृतक उस अपार्टमेंट में पत्नी और बहू अर्चना के साथ रहते थे। आरोपी मणिकांत ने पुलिस के पूछताछ में बताया कि वह इस बात को लेकर परेशान था कि पिता ने फ्लैट उसकी दूसरी पत्नी अर्चना के नाम करने के लिए कहा था। इतना ही नहीं पैसे देने भी बंद कर दिए थे। इसे लेकर उसने पिता के साथ-साथ मां को भी खत्म करने का फैसला किया था। इसके लिए पुलिस ने आदर्श और शिव कुमार एनएम को सुपारी दी थी पिता और मां की हत्या करने के लिए। पिता की हत्या के बाद मां को रास्ते से हटाने की प्लानिंग थी। उसने काम पूरा होने पर एक करोड़ रुपए देने का वादा किया था। इतना ही नही एक-एक फ्लैट और कार देने का भी वादा किया था। इसने दोनों को एडवांस में एक लाख रुपए दिए थे।
पहली पत्नी के हत्या के आरोप में जेल जा चुका था
मणिकांत पहली पत्नी की हत्या के आरोप में जेल जा चुका है। साल 2013 में उसकी पहली पत्नी की हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। हालांकि साल 2020 में उसे बरी कर दिया गया था। जिसके बाद उसने अर्चना से दूसरी शादी की थी। लेकिन बाद में दोनों के बीच झगड़े होने लगे। पिछले साल अगस्त में उसने पत्नी को कथित रूप से चाकू भी मारा था। जिसमें वो जख्मी हो गई थी। जिसके बाद हत्या की कोशिश करने के जुर्म में उसे बेंगलुरू केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था। हाल ही में वो जमानत पर बाहर निकला था।
बहू को सपोर्ट करना चाहते थे नारायण स्वामी
अर्चना और मणिकांत की एक नवजात बच्ची भी है।नारायण स्वामी ने अर्चना के नाम पर अपने अपार्टमेंट में एक फ्लैट पंजीकृत करने का फैसला किया ताकि वह आराम से स्वतंत्र जीवन अपने बच्चे के साथ जी सके। लेकिन कलयुगी बेटे को यह पसंद नहीं आया और उसने पिता की हत्या करा दी।
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