सार

आज भी माता-पिता अपनी बेटियों को लेकर ज्यादा चिंतित होते हैं जब वो बाहर पढ़ने जाती हैं।जब बेटी घर से बाहर कदम रखती है तो पैरेंट्स के मन में कई चिंताएं होती है। लेकिन यह चिंता तब नहीं होगी जब आप अपनी बेटी को कुछ अहम बातें पहले ही सिखा देते हैं तो।

 

रिलेशनशिप डेस्क. 12वीं के बाद बेटी कम्पटीशन की तैयारी के लिए दिल्ली जा रही है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वो अकेले वहां कैसे रहेगी। बेटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे जा रही है। मुझे डर लग रहा है कि वो कैसे खुद को बचाएंगी। अमूमन ये माता पिता की चिंता रहती है जब उनकी लाडली पहली बार घर छोड़कर बाहर जाती हैं। पढ़ने के लिए हो या फिर करियर की तलाश करने के लिए जब लड़कियां बाहर निकलती है तो कई समस्याओं का वाकई सामना करना पड़ता है। लेकिन यदि आप अपनी बेटी को कुछ अहम बातें पहले ही सिखा देंगे, तो न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आप भी चिंता से मुक्त रहेंगे। यहां 5 महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं, जो हर बेटी को घर से बाहर जाने से पहले सिखानी चाहिए।

सुरक्षा का ध्यान रखना

अपनी बेटी को यह सिखाना बेहद जरूरी है कि अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहें। बेटियों को सेल्फ डिफेंस क्लासेस जरूर दिलाएं। उन्हें बताएं कि किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने फोन में सेफ्टी ऐप्स डाउनलोड करना और इस्तेमाल करना सिखाएं। पेपर स्प्रे या छोटे सुरक्षा उपकरण पर्स में रखने के लिए बोलते रहें। दोस्तों के साथ नाइटआउट ना करें। सबसे बड़ी बात जिंदगी सबसे बड़ी चीज है। इसलिए सुरक्षित रखें।

'ना' कहने की कला

बेटी को सिखाएं कि वह किसी भी असुविधाजनक स्थिति में मजबूती से "ना" कह सके। ह समझाएं कि दूसरों को खुश करने के लिए अपनी सीमाओं को पार करना जरूरी नहीं है।यदि उसे किसी बात पर असहजता महसूस होती है, तो अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने की आदत डालें।

फाइनेंशियल मैनेजमेंट

बेटी को यह सिखाना जरूरी है कि अपने पैसे को सही तरीके से संभालना कितना महत्वपूर्ण है। उन्हें महीने का खर्च तय करना सिखाएं। मुश्किल वक्त के लिए बचत करने की आदत उनमें डालें। उन्हें पैसे की अहमियत बताएं कि उसे कमाने के लिए कितना मेहनत पैरेंट्स को करना पड़ता है। इंटरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग में सतर्कता बरतने के तरीके बताएं।

गलत संगत से बचाव

बेटी को समझाएं कि सही और गलत दोस्तों की पहचान कैसे करनी है। से यह सिखाएं कि दबाव में आकर किसी गलत गतिविधि में शामिल न हों। अच्छे और सच्चे दोस्तों की अहमियत बताएं। उन्हें बताएं कि गलत संगत जल्द आकर्षित करती है, लेकिन उसका परिणाम बहुत ही बुरा होता है। इसलिए अच्छे दोस्त बनाएं। जो उनके सुख-दुख में काम आएं। आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें ऐसे दोस्तों की संगत में रहें।

आपसे हमेशा संपर्क में रहें

बेटी को यह सिखाना बहुत जरूरी है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, वह माता-पिता से हमेशा जुड़े रहें।जरूरत पड़ने पर अपने माता-पिता को लोकेशन शेयर करने की आदत डालें।अपनी परेशानियां और अनुभव बिना झिझक साझा करें। जब बेटियां बड़ी हो रही हो तो माता-पिता की जगह एक दोस्त बनकर उनसे बात करें। बेटी को बताएं कि वो कोई भी बात खुलकर उनसे बोल सकती हैं।

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