सार

How to teach your son to be good to women| बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बेटा बड़ा होकर लड़कियों की इज़्ज़त करे, तो उसे बचपन से ही सही संस्कार दें। ये 5 टिप्स आपके काम आएंगे।

आजकल के बिजी टाइम में माता-पिता अपने बच्चों को सही संस्कार नहीं दे पाते ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बड़ा होकर आपका बच्चा लड़कियों, महिलाओं और बड़ों कि इज्जत करे तो ये 5 टिप्स आएंगे काम। बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बेटा बड़ा होकर लड़कियों की इज्जत करे, तो उसे बचपन से ही सही संस्कार देना जरूरी है। यहां 5 बातें बताई गई हैं, जो हर माता-पिता को अपने बेटे को सिखानी चाहिए।

सभी को बराबर समझना सिखाएं

बच्चों को सिखाएं कि लड़का-लड़की में कोई फर्क नहीं होता। घर में काम के बंटवारे में भेदभाव न करें। अगर बेटा देखेगा कि पापा भी मम्मी के साथ घर के काम में मदद करते हैं, तो वह भी महिलाओं को समान समझेगा।

कैसे सिखाएं?

  • घर के छोटे-छोटे कामों में बेटे को भी शामिल करें।
  • उसे बताएं कि रसोई का काम सिर्फ मम्मियों का नहीं होता।
  • हन या महिला रिश्तेदारों की बातों को भी उतना ही महत्व देने की आदत डालें।

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'ना' का मतलब 'ना' होता है

बेटे को यह समझाना बहुत जरूरी है कि अगर कोई लड़की किसी बात के लिए मना करे, तो उसकी बात का सम्मान करें। जब वह यह सीख जाएगा, तो बड़े होकर भी वह महिलाओं की सहमति को समझेगा और सम्मान देगा।

कैसे सिखाएं?

  • जब भी बच्चा किसी चीज़ के लिए ज़िद करे, तो उसे धैर्य से समझाएं कि हर चीज़ उसकी मर्जी से नहीं मिल सकती (बच्चे की ज़िद करने की आदत कैसे छुड़ाएं)।
  • उसे दूसरों की सीमाओं (Boundaries) को समझना और उनका सम्मान करना सिखाएं।

गुस्सा और हिंसा नहीं, सम्मान से बात करें

बच्चों को यह सिखाएं कि कोई भी समस्या बातचीत से हल हो सकती है, गुस्से या हिंसा से नहीं। अगर आपका बेटा देखेगा कि घर में पुरुष भी महिलाओं से सम्मान से बात करते हैं, तो वह भी यही सीखेगा।

कैसे सिखाएं?

  • खुद भी अपने परिवार की महिलाओं से सम्मानजनक भाषा में बात करें।
  • अगर बेटा गुस्से में किसी पर चिल्लाए, तो उसे प्यार से समझाएं कि ऐसा करना गलत है।
  • उसे बताएं कि असली ताकत दूसरों को सम्मान देने में होती है, न कि उन पर हावी होने में।

सहानुभूति और संवेदनशीलता सिखाएं

अगर बेटा यह समझेगा कि लड़कियां भी उसकी तरह ही इंसान हैं, उनकी भी भावनाएं होती हैं, तो वह उनका आदर करना सीखेगा।

कैसे सिखाएं?

  • अगर बहन या कोई लड़की दुखी हो, तो बेटे को सिखाएं कि उसे हिम्मत दे और सहानुभूति दिखाए।
  • बेटा अगर गलती करे, तो उसे यह एहसास कराएं कि अपनी गलती मानना और माफी मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत होती है।

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गंदे मजाक और भेदभाव से दूर रखें

कई बार लोग घर में ही लड़कियों से जुड़े गलत मजाक करते हैं या लड़कों को ‘मर्द बनो, रोना बंद करो’ जैसी बातें कहते हैं। इससे लड़कों में यह सोच बनने लगती है कि लड़कियां कमजोर होती हैं और उनका मजाक उड़ाना ठीक है।

कैसे सिखाएं?

  • बेटे के सामने ऐसे भेदभावपूर्ण जोक्स या बातें न करें।
  • से सिखाएं कि हर किसी का सम्मान करना जरूरी है, चाहे वह महिला हो या पुरुष।
  • उसे यह भी बताएं कि असली ‘मर्दानगी’ ताकत दिखाने में नहीं, बल्कि महिलाओं की इज्जत करने में है (बेटे को संस्कारी कैसे बनाएं)।