सार
रिलेशनशिप डेस्क: भारत के सबसे हम्बल और डाउन टू अर्थ बिजनेसमैन रतन टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रतन टाटा न सिर्फ एक बेहतरीन कारोबारी थे और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, बल्कि अपने परिवार के लिए भी उन्होंने अपने उस रिश्ते को तोड़ दिया, जिससे वह शादी करना चाहते थे। आइए आज हम आपको बताते हैं रतन टाटा की इस अधूरी प्रेम कहानी के बारे में जो कभी पूरी नहीं हो सकी....
10 साल की उम्र में मां-बाप से हो गए थे अलग
28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा एक मशहूर बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखते थे। उनकी मां का नाम सूनी टाटा और पिता नौशेरवांजी टाटा थे। लेकिन, जब रतन टाटा 10 साल के थे तो उनके माता-पिता का तलाक हो गया। इसके बाद उनकी देखभाल उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने कीं। वह अपनी दादी से बेहद प्यार करते थे और उनके प्रति उनका लगाव भी अटूट था। हालांकि, मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वह अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया। इसी दौरान उनकी लव स्टोरी भी शुरू हुई।
1960 में शुरू हुई थी रतन टाटा की लव स्टोरी
एक इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने खुद अपनी लव लाइफ का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि अमेरिका में पढ़ाई के दौरान 1960 के दशक में उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई थी, जिससे वह प्रेम करने लगे थे। दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे, उनकी सगाई भी हो चुकी थी, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि दोनों को अलग होना पड़ा।
दादी की वजह से तोड़ दी सगाई
दरअसल, जिस समय रतन टाटा और उस युवती के बीच प्यार की चिंगारी बढ़ रही थी, उस दौरान 1962 में भारत और चीन के बीच भी भीषण युद्ध छिड़ गया था। ऐसे में रतन टाटा वापस भारत आना चाहते थे और अपनी प्रेमिका को भी अपने साथ भारत लाना चाहते थे। लेकिन उनके माता-पिता ने युद्ध के कारण उन्हें वहां जाने से मना कर दिया। उस समय रतन टाटा की दादी की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्हें लगा था कि भारत में उनकी दादी को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, इसलिए उन्होंने अपनी सगाई तोड़ दी और अपनी दादी के पास भारत आ गए। लेकिन उनका प्यार इतना सच्चा और इतना मजबूत था कि उसके बाद उन्होंने कभी भी शादी नहीं की।
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