सार

कोटा के जेके लोन अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद अब मध्य प्रदेश में  शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में 12 घंटों के अंदर 6 नवजात बच्चों की मौत हो गई।
 

शहडोल (मध्य प्रदेश), कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला अभी तमा भी नहीं है कि मध्य प्रदेश से भी ऐसी खबरें सामने आने लगीं। जहां  शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में पिछले 12 घंटों के दौरान छह नवजात बच्चों की मौत हो गई।

एक रात में छह बच्चों की मौत
जब मामला तूल पकड़ने लगा तो आनन-फानन में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इस मामले में जांच के आदेश दिये हैं। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश पांडे ने मंगलवार को बताया कि इन बच्चों को उनके परिजनों ने गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था। सभी छह बच्चों की 13 और 14 जनवरी की दरमियानी रात मौत हो गई। उन्होंने बताया कि शिशुओं की आयु एक दिन से ढाई माह के बीच थी। प्रारंभिक जांच में बच्चों की मौत के लिए विभिन्न कारण सामने आए हैं। मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिये गये हैं।

खबर मिलते ही अस्पताल पहुंचे मंत्रीजी....
इस बीच प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल बच्चों की मौत की जानकारी लगने पर अस्पताल पहुंचे और अस्पताल के निरीक्षण के साथ ही बच्चों के परिजन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है। पटेल ने कहा कि इसमें जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों की मौत की वजह निमोनिया बताई जा रही 
जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से 2 बच्चे वॉर्ड और 4 एसएनसीयू में भर्ती थे। एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से कम थी, वहीं बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों की उम्र दो-तीन महीने की बताई जा रही है। सभी बच्चों को निमोनिया हुआ था। अस्पताल में एक साथ 6 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है। वहीं सतना में दो नवजातों की सोमवार को मौत हो गई थी।