सार

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 400 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 6 साल के बच्चे तन्मय साहू को आखिर बचाया नहीं जा सका। लगातार चार दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद जब तन्मय को बोरवेल से बाहर निकाला गया, तब तक वो अपनी सांसे तोड़ चुका था। इस घटना ने परे गांव को सदमे में डाल दिया है। 

बैतूल(Betul). मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 400 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 6 साल के बच्चे तन्मय साहू को आखिर बचाया नहीं जा सका। लगातार चार दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद जब तन्मय को बोरवेल से बाहर निकाला गया, तब तक वो अपनी सांसे तोड़ चुका था। इस घटना ने परे गांव को सदमे में डाल दिया है। बैतूल जिला प्रशासन ने बताया कि  मंडावी गांव में 6 दिसंबर को 55 फीट गहरे बोरवेल में गिरे बच्चे तन्मय को निकाल लिया गया है, लेकिन उसकी मौत हो चुकी है। करीब 84 घंटे बाद बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम सुबह 3 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5 बजे शव को बाहर निकाला गया। इसके बाद 7 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। यहां 5 डॉक्टरों टीम को शव का पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी सौंपी गई। पढ़िए दिल दहलाने वाला पूरा मामला...

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अंधेरे से डर रहा था बच्चा, पढ़िए 10 बड़े पॉइंट्स
1. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 400 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 6 साल के तन्मय को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम ने दिन-रात एक कर दिए थे। तन्मय 35 फीट से 40 फीट की गहराई में फंस गया था। हालांकि बुधवार(7 दिसंबर)  सुबह से ही उसकी हलचल नहीं दिख रही थी।

2. अर्थमूविंग मशीनों के जरिये गहरी समानांतर सुरंग खोदी गई, लेकिन इसमें काफी समय लगा। अधिकारियों ने कहा था कि बच्चे तक पहुंचने और उसे बचाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन उसे जिंदा नहीं निकाला जा सका।

4. घटना मंगलवार(6 दिसंबर) शाम करीब पांच बजे की है। पुलिस के अनुसार, तन्मय मैदान में खेल रहा था, जब वह हाल ही में खोदे गए बोरवेल में गिर गया।

5. तन्मय को बचाने के लिए तभी से रेस्क्यू शुरू हो गया था। बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस खुद मामले की मानिटरिंग कर रहे थे। 

6. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अधिकारियों को बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिए थे।

7.बोरवेल में फंसे तन्मय के हाथ ऊपर थे, इसलिए वो खाने-पीने की चीजें भी नहीं ले पा रहा था। मंगलवार शाम 5 बजे उसने कहा था- "यहां बहुत अंधेरा है। मुझे डर लग रहा है। जल्दी बाहर निकालो।"

8. बच्चे को बचाने रेस्क्यू टीम ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की थी। रेस्क्यू टीम ने बोर के समानांतर 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोद लिया था। वहीं, तन्मय तक पहुंचने के लिए 9 फीट की हॉरिजोंटल सुरंग तक तैयार हो गई थी। NDRF की टीम ने इसी सुरंग के जरिये तन्मय को बाहर निकाला। चट्‌टानों और पानी के रिसाव के चलते सुरंग बनाने के काम में परेशानी आने से रेस्क्यू में समय लगा।

9. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने तन्मय के परिजनों से मुलाकात की थी। मंत्री ने बोर खुला छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

10. तन्मय के पिता सुनील साहू और मां ऋतु रेस्क्यू के खत्म होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि तन्मय जिंदा निकलेगा। सुनील ने मीडिया के जरिये एक भावुक अपील की थी-"मैं CM से अपील करता हूं वे यहां कॉल करके बोलें कि बेटे को जल्दी से बाहर निकाल दें। मां ऋतु ने कहा था कि उन्होंने नागदेव बाबा से भी प्रार्थना की है कि बाबा उनके बेटे को सुरक्षित बाहर निकाल दे। उनसे जितना बन सकेगा, उतना बड़ा चांदी का नाग चढ़ाएंगी।

"हमारा ऑपरेशन लगभग 85 घंटों तक चला। NDRF, SDRF और पुलिस सभी ने बच्चे तन्मय को बचाने का प्रयास किया, लेकिन आज सुबह जब उसको बाहर निकाला गया तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी। चेस्ट कंजेशन(सीने में जकड़न) के कारण तन्मय की मृत्यु हुई है।" श्यामेंद्र जायसवाल, ADM, बैतूल, मध्य प्रदेश

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