सार
भोपाल. कोरोना संक्रमण खतरे के बीच देश के डॉक्टर 'भगवान' बनकर काम कर रहे हैं। वह अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य इमानदारी से निभा रहे हैं। ऐसा ही एक डॉक्टर दंपति भोपाल का है जो अपनी सात महीने की दूध पीती बच्ची को छोड़कर लोगों की सेवा करने में लगे हैं।
भोपाल. कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच देश के डॉक्टर हमारे लिए 'भगवान' बनकर काम कर रहे हैं। वह अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य इमानदारी से निभा रहे हैं। ऐसा ही एक डॉक्टर दंपति भोपाल का है जो अपनी सात महीने की दूध पीती बच्ची को छोड़कर लोगों की सेवा करने में लगे हैं।
बेटी की याद आती है तो कर लेती हैं वीडियो कॉल
दरअसल, यह कोरोना वॉरियर्स दंपति पत्नी डॉ. अंशुली मिश्रा और उनके पति डॉ. संतोष मिश्रा हैं जिन्होंने 7 माह की बच्ची को उसके ननिहाल में छोड़ दिया है। उनको जब कभी भी अपनी बेटी की याद आती है तो वह वीडियो कॉल करके उसकी शक्ल देख लेते हैं।बता दें कि दोनों शहर की सबसे बड़ी अस्पताल हमीदिया में डॉक्टर हैं। लेकिन, इस समय वह जेपी अस्पताल में कोरोना के मरीजो को बचाने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं।
इस वजह से अपने पास नहीं रखी बच्ची
डॉ अंशुली का कहना कि इस समय शहर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हम दोनों रोज कोरोना पॉजिटिव लोगों के संर्पक में आते हैं। ऐसे हालातों में हम बच्ची को अपने साथ नहीं रख सकते थे। इसलिए हमने उसको मेरे मम्मी पापा के पास जबलपुर में छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि इस समय हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी कोरोना के मरीजों को बचाना है। लेकिन, जब बेटी की याद आती है तो आंखों में आंसू आ जाते हैं। तो हम वीडियो कॉल करके उसे देख लेते हैं।