सार
सीएम ने कहा कि दीप जलाते, भोजन करते मेरे इन बच्चों के चेहरे पर जो ऊर्जाभरी मुस्कान थी, वह देखकर मन को संतोष हुआ। भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि हे मेरे प्रभु मुझे इतनी सामर्थ्य देना कि इनके चेहरे पर कभी उदासी न आने दूं।
भोपाल (मध्य प्रदेश). पूरे देश में धूमधाम से दीपावली (Diwali 2021) का त्यौहार मनाया जा रहा है। हर तरफ खुशी और उल्लास का माहौल है। हर कोई अपने तरीके से इस पर्व को सेलिब्रेट (diwali celebration) कर रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( shivraj singh chouhan) ने राजधानी भोपाल में कोविड में अनाथ बच्चों के साथ दिए जलाकर दिवाली मनाई।
6 जिलों के आनथ बच्चे पहुंचे सीएम के घर
दरअसल, भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन राजगढ़ और होशंगाबाद जिलों के करीब 53 बच्चे गरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे हुए थे। जिनका सीएम शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह ने गुलाब का फूल देकर स्वागत किया। इसके बाद सभी के साथ दिए जलाए और मिठाई खिलाकर उनको दिवाली की शुभकामनाएं दी। सीएम और उनकी पत्नी ने अपने हाथों से बच्चों को मिठाई खिलाई।
प्रभु मुझे इतनी सामर्थ्य देना बच्चों की मुस्कान ला सकूं
सीएम ने कहा कि दीप जलाते, भोजन करते मेरे इन बच्चों के चेहरे पर जो ऊर्जाभरी मुस्कान थी, वह देखकर मन को संतोष हुआ। भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि हे मेरे प्रभु मुझे इतनी सामर्थ्य देना कि इनके चेहरे पर कभी उदासी न आने दूं। मैं इनके मामा और माता-पिता का भी प्यार दे सकूं।
दिवाली सीएम ने लोगों से की एक भावुक अपील
मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को कोरोना में खो दिया है उनके साथ दिवाली मनाएं। क्योंकि इन प्यारे मासूमों की जिम्मेदारी अब हमारी है। कोविड काल में नियति ने इन बच्चों के अपनों को छीन लिया। हम उनको तो वापस नहीं ला सकते। लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान तो ला ही सकते हैं। उनको उनकी जिंदगी बेहत बनाने और हर सुख-दुख में साथी बनें।
सीएम की पत्नी ने देहरी पर बनाई रंगोली
वहीं दिवाली के मौके पर सीएम शिवराज की पत्नी साधना सिंह मुख्यमंत्री निवास यानि अपने घर के दरवाजे पर रंगोली बनाई। सीएम शिवराज ने यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। साथ ही लिखा-आज मेरी और धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने देहरी पर मांडना बनाया। हमारी संस्कृति में पर्वों और उत्सवों पर साज-सज्जा के लिए मांडना बनाने की परंपरा रही है। मांडना सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।