सार
भोपल में बिक रहे इन पटाखों की लेने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। इनके अंदर हैं प्याज़, खीरा, मैथी, मिर्च और अलग-अलग सब्ज़ियां के बीज हैं। जलने के बाद निकलने वाली आवाज और धुंए से फल सब्जियों के बीजे निकलेंगे
भोपाल (मध्य प्रदेश). आज पूरे देश में दिवाली (Diwali 2021) का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिवाली हो और पटाखे ना फोड़े जाएं ऐसा हो ही नहीं सकता है। हालांकि कई राज्यों में सरकारों ने वायु प्रदूषण के खतरे को रोकने के लिए रासायनिक वाले पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसे पटाखें (green crackers) बिक रहे हैं, जिनसे प्रदूषण भी नहीं होगा और पर्यावरण को कोई खतरा भी नहीं है। पूरे देश में इनकी खूब चर्चा हो रही है।
इन पटाखों से फल और सब्जी की पैदावार बढ़ेगी
दरअसल, भोपाल में जिला पंचायत के सहयोग से हस्तशिल्प बाजार राग भोपाली लगाया गया है। जिसमें यह ईको फ्रेंडली पटाखे बिक रहे हैं। इन पटाखे की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इनके जलने के बाद निकलने वाली आवाज और धुंए से फल सब्जियों के बीजे निकलेंगे। एक तरह से कहा जाए तो यह पटाखे फोड़ने के बाद भी काम आएंगे। यानि सब्जी और फल की पैदावार बढ़ाएंगे।
इनसे बच्चे खिलौने की तरह खेल सकते हैं...
बता दें कि पटाखों से सबसे ज्यादा डर और खतरा बच्चों पर रहता है। क्योंकि इनकी बारूद खतरनाक होती है। लेकिन इन पटाखों के साथ बच्चे खिलौने की तरह आराम से खेल सकते हैं। इनसे कोई किसी तरह का खतरा नहीं है। क्योंकि इनमें बारूद की जगह पर फल-सब्जियों की बीच हैं। इनको जलाने के बाद अगर आप जमीन में लगा देंगे तो 7 दिन के अंदर पौधे उग जाएंगे।
वोकल फॉर लोकल का संदेश दे रहे ये पटाखे
भोपल में बिक रहे इन पटाखों की लेने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। भोपाल जिला पंचायत के सीईओ विकाम मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए इनके बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा के सौंसर में स्वसहायता समूहों के लोगों ने इन स्पेशल पटाखों को बनाया है। इनके अंदर हैं प्याज़, खीरा, मैथी, मिर्च और अलग-अलग सब्ज़ियां के बीज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल नारे के तहत गांव के लोगों से इन पटाखों को तैयार करवाया है।