सार

पटाखों का दिवाली पर प्रतिबंध होने के पीछे सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। विशेषज्ञों का मानना है कि पहले से ही देश के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में अगर पटाखे फोड़े गए तो प्रदूषण को कंट्रोल करना और भी मुश्किल हो जाएगा।

भोपाल/जयपुर. दिवाली का त्यौहार शुरू हो चुका है, घर बच्चों का पटाखे फोड़ने का शोर भी शुरू हो चुका है। वह दिन में कई बार अपने पिता से कह रहे हैं कि पापा हम लोग कब पटाखे लेने के लिए बाजार जाएंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) के आदेश और कई राज्य सराकारों (state government)  प्रतिबंधों की वजह से बच्चों को निराशा लगी है। क्योंकि कई स्टेट ऐसे हैं जहा पर इस दीवाली पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं कुछ राज्य में सिर्फ दो घंटे ही इनको जलाने की अनुमति दी गई है। तो कहीं सिर्प ग्रीन पटाखे (green crackers) ही जला पाएंगे। आइए जानते हैं कौन-कौन से वह राज्य जहां पर बैन हैं पटाखे....

इस वजह से बच्चों की खुशियां पर लगा प्रतिबंध
दरअसल, पटाखों का दिवाली पर प्रतिबंध होने के पीछे सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। विशेषज्ञों का मानना है कि पहले से ही देश के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में अगर पटाखे फोड़े गए तो प्रदूषण को कंट्रोल करना और भी मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि इनके जलने से धुएं और धूल का गुब्बार और छाएगा। जिसके चलते बीमार लोगों को सांस लेने में मुश्किल होगी। कोरोना के कारण पहले से ही कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत है। इन्हीं वजहों से पटाखों के प्रतिबंध करने के आदेश दिए गए हैं।

इन स्टेट में पूर्ण रुप से पटाखों के जलाने पर प्रतिबंध
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया और पश्चिम बंगाल में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस लिहाज से  पश्चिम बंगाल में भी दिवाली के दिन पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी  1 जनवरी 2022 तक पटाखे फोड़ने पर बैन लगाया गया है। इसी तरह  पंजाब में पटाखों पर पूरी तरह बैन लगा दिया है। ओडिशा में पटाखे बैन कर दिए हैं। कर्नाटक सरकार ने भी प्रदूषण वाले रसायन वाले पटाखों पर बैन लगा दिया है।

इन राज्य मों सिर्फ दो घंटे पटाखे जलाने की अनुमति
वहीं राजस्थान में दिवाली के दिन सिर्फ 2 घंटे ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। मध्य प्रदेश में भी दो घंटे ही पटाखों को जलाने की इजाजत दी गई है। उत्तर प्रदेश के एनसीआर में आने वाले शहरों में सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध है। कर्नाटक में सामान्य पटाखों पर पाबंदी है। छत्तसीगढ़ में भी भूपेश बघेल सरकार ने सिर्फ दो घंटे की पटाखों को जलाने की अनुमति दी है।

यहां पर ग्रीन पटाखे ही फोड़े जाएंगे
कर्नाटक, यूपी राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब में ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ग्रीन क्रैकर्स को मंजूरी दी गई है। क्योंकि इनमें बेरियम जैसे खतरनाक रसायन वाले पटाखों से प्रदूषण कम  होता है। कोर्ट की गाइडलाइन है कि सामान्य पटाखे खरीदना या जलाना नियमों का उल्लंघन है। साथ ही कहा कि जो लोग प्रदूषण को समझते हैं वह ऐसे लोगों को समझाएं जो पटाखे जलाना चाहते हैं। उनको जागरुक करें।