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कोरोना वॉरियर्स: पापा से आखिरी बार बोली थी बेटी-'आप जल्दी घर आओगे न, देखो हम आपका इंतजार कर रहे हैं'
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मंगलवार दोपहर को इंदौर के रामबाग मुक्तिधाम पर यशवंत पाल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर उनकी दोनों बेटियां और पत्नी मौजूद थीं। इस दौरान उनकी बेटी तस्वीर से लिपटकर बहुत देर तक रोती रही। उनका इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि पाल ने सोमवार रात करीब 9.12 बजे वीडियो कॉल के जरिये अपने परिवार से बात की थी। टीआई की पत्नी ने डॉक्टर को मैसेज किया था कि आप ही हमारी होप हैं। उनका ध्यान रखिए। वहीं, जब बेटी से उनकी बात हुई, तो उसने कहा था-'पापा आप स्ट्रांग हैं..आप जरूर कोरोना को हरा दोगे।' टीआई ने हाथ के इशारे से सबको हिम्मत रखने को कहा था। बेटी ने भावुक होकर कहा था-'पापा आप जल्दी घर आओगे..हम सब आपका इंतजार कर रहे हैं।'
बता दें कि 59 वर्षीय यशवंत पाल ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे। मूलत: बुरहानपुर के रहने वाले पाल फिलहाल इंदौर में रह रहे थे। उनकी परिवार में पत्नी मीना के अलावा दो जवान बेटियां फाल्गुनी और ईशा हैं। उन्हें 6 अप्रैल को कोरोना संक्रमण रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इंदौर के सीएचएल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें अरबिंदो हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था।
इसे पहले इंदौर के जूनी थाना प्रभारी 45 वर्षीय देवेंद्र चंद्रवंशी भी कोरोना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनका भी इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था।
रविवार को जाबांज देवेंद्र चंद्रवंशी का उनका अंतिम संस्कार किया गया। कोरोनावायरस के चलते उनके परिजन भी अंतिम दर्शन नहीं कर पाए थे। उनकी पत्नी को तस्वीर के दर्शन करके अपने मन को तसल्ली देनी पड़ी।
(आगे पढ़िए पंजाब की एक ऐसी लेडी पुलिस अफसर की कहानी, जो कैंसर होने के बावजूद अपनी ड्यूटी कर रही)
यह मामला पंजाब के अमृतसर का है। ये हैं पुलिस इंस्पेक्टर राजविंदर कौर। जानकार ताज्जुब होगा कि ये कैंसर पीड़ित हैं। यह जानते हुए भी ये पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। यही नहीं, ये अपने हाथों से खाना बनाकर लॉकडाउन में फंसे गरीब-असहायों को खिला रही हैं। राजविंदर कौर के पति को 1990 में आतंकियों ने मार दिया था। राजविंदर रोज 70 लोगों का खाना बनाकर जरूरतमंदों में बांटती हैं।