सार
यह शर्मनाक तस्वीर उस मध्य प्रदेश की है, जहां 'बेटी बचाओ अभियान' बड़े जोर-शोर से चलता है। यह बच्ची कचरे के ढेर के पास पड़ी मिली है। बच्ची के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। वो ठंड से ठिठुरी पड़ी थी।
रतलाम(मप्र). यह शर्मनाक तस्वीर मध्य प्रदेश के रतलाम शहर की है। कचरे के ढेर के पास पड़ी मिली यह नवजात अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। क्योंकि उसे छोड़ा ही मरने के लिए गया था। बच्ची को बगैर कपड़े छोड़ा गया था। वो ठंड के मारे कांप रही थी। समीप खड़े कुत्ते उसे देखकर जोर-जोर से भौंक रहे थे।
बुधवार सुबह रेलवे कॉलोनी रोड नंबर-5 पर सड़क किनारे कचरे के ढेर के पास एक शख्स ने इस बच्ची के रोने की आवाज सुनी। उसने जाकर देखा तो बच्ची बिना कपड़ों के ठंड से ठिठुर रही थी। पास ही कुत्ते खड़े-खड़े भौंक रहे थे। उस भले मानुष ने तुरंत चाइल्ड लाइन को सूचना दी। चाइल्ड लाइन की टीम और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को उठाया। उसे एमसीएच स्थित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया है। बच्ची की हालत अभी ठीक नहीं है।
अगर देर हो जाती, तो शायद बचा पाना संभव नहीं होता..
बच्ची को सबसे पहले देखने वाले महेंद्र जाजम ने बताया कि सुबह करीब 8 बजे उन्होंने कचरे के ढेर के पास बच्ची के रोने की आवाज सुनी। उनकी सूचना पर चाइल्ड लाइन के टीम और रेलवे पुलिस चौकी से प्रधान आरक्षक मांगू सिंह यादव मौके पर पहुंचे। बच्ची को ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस को कॉल किया गया। लेकिन कॉल सेंटर का फोन लगातार बिजी बताता रहा। इसके बाद बच्ची को चाइल्ड लाइन के मेंबर मनोहर पाटीदार और आशीष देवड़ा बाइक पर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉ. नावेद कुरैशी ने बताया कि बच्ची अंडर वेट है। उसका वजन 2 किलो है, जबकि यह ढाई से अधिक होना चाहिए था। बच्ची को ठंड में बगैर कपड़े छोड़ा गया था, इससे भी उसकी तबीयत बिगड़ गई। फिलहाल, बच्ची की हालत स्थिर है।