सार
यह सरकारी अव्यवस्थाओं की शर्मनाक तस्वीर है। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर से MLA सीताराम आदिवासी अपनी गर्भवती बेटी के प्रसव को लेकर हॉस्पिटल में 8 घंटे रहे रहे। उनकी किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।
श्योपुर(मध्य प्रदेश). यहा मामला मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलता है। श्योपुर हॉस्पिटल में डॉक्टर इतने बेपरवाह और निडर हैं कि उन्होंने विजयपुर से भाजपा MLA सीताराम आदिवासी तक को 8 घंटे इंतजार कराया। MLA अपनी गर्भवती बेटी को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे थे। लेकिन उन्हें वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला। उन्हें बताया गया कि सभी डॉक्टर किसी शिविर में गए हैं। जब बेटी दर्द से तड़पने लगी, तो MLA उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर गए। घटना सोमवार की है। MLA दोपहर 2 बजे हॉस्पिटल पहुंचे थे। यहां ड्यूटी स्टाफ ने सोनोग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टरों के न होने की बात कही। उन्हें बताया गया कि डॉक्टर रात को ही लौटेंगे।
मायूस दिखे MLA
सीताराम आदिवासी ने मीडिया को बताया कि वे अपनी बेटी धोड़ा बाई को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे थे। वहां उन्हें बताया गया कि डॉ. बीएल यादव किसी शिविर में गए हैं। वहां से लौटने पर ऑपरेशन करेंगे। उन्होंने रात 10 बजे तक डॉक्टर का इंतजार किया। लेकिन वे नहीं आए। विधायक ने बताया कि इसके बाद वे हॉस्पिटल परिसर में ही रहने वाले डॉ. महेश गुप्ता के प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। यहां बेटी की नार्मल डिलेवरी हुई। विधायक ने कहा कि जब उन्होंने डॉ. यादव को कॉल किया, तो जवाब मिला कि वे शाम 7 बजे तक हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे। लेकिन वे न हीं आए। विधायक ने कहा कि वे इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे।
इनके अपने तर्क..
सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल ने कहा कि विधायक उन्हें बिना बताए ही रात करीब 10:30 बजे बेटी को लेकर चले गए। वहीं डॉ. महेश गुप्ता ने कहा कि महिला की नॉर्मल डिलेवरी हुई है, लेकिन बच्चे की हालत खराब है। अगर समय पर उसकी डिलेवरी होती, तो आसानी रहती। सीएमएचओ डॉ. एआर करोरिया ने कहा कि विधायक की बेटी के एक नवजात की पहले ही मौत हो चुकी है। इस बार कुछ दिक्कत न आए, इसलिए ऑपरेशन का रास्ता चुना था। बहरहाल, मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई जा रही है।