सार
डॉक्टरों ने एक 9 साल की बच्ची को मौत के मुंह से निकालकर उसकी जिंदगी बचा ली। शहर में यह अपने तरह का पहला ऑपरेशन था। डॉक्टर हैरान थे कि सौम्या के इस हौसले को हम सलाम करते हैं।
ग्वालियर (मध्य प्रदेश). अक्सर लोग कहते हैं कि डॉक्टर भगवान की रूप होते हैं। ऐसा ही कमाल और अद्भुत मामला ग्वालियर से सामने आया है। जहां डॉक्टरों ने एक 9 साल की बच्ची को मौत के मुंह से निकालकर उसकी जिंदगी बचा ली।
दो साल से जिंदगी और मौत से जूझ रही थी मासूम
दरअसल, ग्वालियर की बीआईएमआर हॉस्पिटल में भर्ती 9 साल की सौम्या को ब्रेन ट्यूमर होने के कारण मिर्गी के दौरे आते थे। वर पिछले दो साल से इस परेशानी से जूझ रही थी। जिसे बेहताशा दर्द भी होता था, लेकिन वह इसके बावजूद भी मुस्कुराती रहती थी, उसे देखकर नहीं लगता था कि वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। डॉक्टरों ने जब चेकअप किया तो पता चला कि बच्ची के जिस हिस्से में ट्यूमर है, वह बेहद नाजुक है और वहां ओपन सर्जरी करने में रिस्क है।
सिर में छेद कर निकला ट्यूमर..बच्ची बचाती रही पियानो
डॉक्टरों ने एक दिन पहले सौम्या का ऑपरेशन करने के लिए नई पद्धति अपनाई, जिससे अवेक क्रेनियोटोमी (कपाल छेदन) से किया गया। शहर में यह अपने तरह का पहला ऑपरेशन था। पहले बच्ची को बेहोश किया गया, जिसके बाद भी उसे तकलीफ हुई, लेकिन वह पियानो बजाती रही और डॉक्टरों ने उसके सिर की हड्डी में छेद कर ट्यूमर निकाल दिया। डॉक्टर हैरान थे कि सौम्या के इस हौसले को हम सलाम करते हैं। जिसने इतने दर्द के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी। इसके बाद बच्ची को शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
बच्ची के जज्बे के आगे डॉक्टर भी हारे
डिस्चार्ज करने से पहले सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. अभिषेक चौहान ने बताया कि अवेक क्रेनियोटोमी पद्धति से ऑपरेशन करने पर मरीज का शरीर सुन्न कर दिया जाता है। इस ऑपरेशन के दौरान मरीज बातें करता रहता है। जिससे उसे निराशा अहसास ना हो। लेकिन सौम्या ने जिस ढंग से पियानो बजाया उसे देखकर नहीं लग रहा था कि वह इतनी बड़ी बीमारी से जूझ रही है। अगर समय पर इलाज नहीं होता तो उसे लकवा भी मार सकता था, जिससे जान को भी खतरा हो सकता था।