सार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, गोबर-धन योजना में आम लोगों को गाय और सड़क पर घूमने वाले अन्य पशुओं की देखभाल के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। गाय के गोबर और गौ-मूत्र से आमदनी होने पर आम नागरिक भी गोपालन के लिए प्रेरित होंगे।
भोपाल : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) मॉडल अपनाने जा रही है। राज्य सरकार जल्द ही गोबर खरीदी करने जा रही है। गोबर-धन प्रोजेक्ट के तहत कई शहरों में गोबर की खरीदी की योजना है। पचमढ़ी में चल रही शिवराज मंत्रिमडल की चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने घोषणा करते हुए कहा कि कई शहरों में गोबर-धन प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। गाय के गोबर को खरीदने सरकार व्यवस्था करेगी।
आय से प्रेरित होंगे गौ-पालक
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गाय के गोबर और गौ-मूत्र से आय होने पर आम नागरिक गौ-पालन के लिए प्रेरित होंगे। गौ-शालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी ठोस प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर (Indore) में गोबर-धन योजना में पीएनजी प्लांट का प्रयोग सफल रहा है। इसलिए अब इसे अन्य शहरों में भी शुरू करने की योजना है। गाय के गोबर का उपयोग बड़े पैमाने पर गोकाष्ठ के निर्माण में किया जाता है। इसलिए इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे गोपालकों को आमदनी तो होगी ही साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद भी बनाई जाएगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकेगी।
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ये भी है प्लान
एमपी में इस कार्य की शुरुआत गुजरात समेत अन्य राज्यों में गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण के प्रयोगों की स्टडी करने के बाद शुरू की जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने आवारा पशुओं यानी सड़क पर घूमने वाली पशुओं की देखभार के प्रति जागरुकता का भी निर्णय लिया है। इसके लिए मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) की अध्यक्षता में मंत्री समूह का गठन किया गया है और मंत्री समूह आगे भी काम करता रहेग। इस मंत्री समूह में विश्वास सारंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ऊषा ठाकुर और मोहन यादव को शामिल किया गया है।
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छत्तीसगढ़ सबसे पहला राज्य
बता दें कि गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना 20 जुलाई 2020 को शुरू हुई थी। इस योजना के जरिए पशुपालकों से उचित दाम पर गोबर खरीदा जाता है। उस गोबर का गोठान में वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाता है। राज्य अब तक हजारों किसानों से करोड़ों रुपए का गोबर सरकार खरीद चुकी है। जिसका फायदा भी देखने को मिल रहा है। इसी को देखते हुए एमपी सरकार ने भी इस ओर कदम बढ़ाया है।
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