सार
इंदौर (Indore) में वैक्सीन (Vaccine) के दोनों डोज लेने के बाद भी एक बुजुर्ग की कोरोना (coronavirus) से मौत हो गई। मामला एरोड्रम रोड का है। बुजुर्ग कोरोना, डायबिटीज समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे। इसकी वजह से उनके शरीर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका। इंदौर में साढ़े चार महीने के लम्बे अंतराल के बाद इस महामारी से किसी मरीज ने दम तोड़ा है।
इंदौर। वैक्सीन (Vaccine)के दोनों डोज लगवाने के बाद कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) का उल्लंघन करने वालों की ये खबर नींद उड़ा सकती है। इंदौर (Indore) के एरोड्रम इलाके में कोरोना के कारण जिस बुजुर्ग की हाल ही में मौत हुई है, उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। 8 नवंबर को उनका सैंपल लिया गया था। 9 नवंबर को कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से बुजुर्ग एमआरटीबी अस्पताल (MRTB Hospital) में भर्ती थे। वे कोरोना (coronavirus) के साथ ही डायबिटीज समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे। इसी कारण उनके शरीर में संक्रमण तेजी से फैला और डॉक्टर्स भी नहीं बचा सके। दरअसल, लोग कोरोना का टीका लगवाने के बाद गाइडलाइन को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। वे ना तो मास्क लगा रहे हैं और ना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. भूरे सिंह सत्या ( Dr. Bhure Singh Satya)ने बताया कि हाल ही में एक 69 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी। वे मनोरमा राजे टीबी अस्पताल में भर्ती थे। 9 नवंबर को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इस दौरान उनका इलाज किया गया। लेकिन 14 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई। मरीज ने COVID-19 वैक्सीन की दोनों डोज लिए थे। बता दें कि इंदौर में कोरोना संक्रमण से आखिरी मौत 29 जून को हुई थी। शहर में अब तक कुल 1,392 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। फिलहाल, इंदौर में 23 एक्टिव केस हैं। कुल 1,53,279 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
वैक्सीन लगने के बाद एंटीबाडी बनने में लगता है समय
डॉक्टर्स के अनुसार, कोरोना की दूसरा डोज लगवाने के बाद भी शरीर में एंटीबाडी बनने में कई दिन लग जाते हैं। एमआरटीबी अस्पताल प्रभारी डॉ. सलिल भार्गव के अनुसार, बुजुर्ग गंभीर हालत में अस्पताल लाए गए थे। कोरोना के अलावा भी कई बीमारियां उन्हें थीं। संभवत: इसी वजह से उनकी मृत्यु हुई है। शहर में 29 जून 2021 से कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला थमा था, जो 14 नवंबर को टूट गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे 15 नवंबर को रिकॉर्ड पर लिया है।
ना मास्क पहन रहे, ना हैंड वॉश कर रहे लोग
शहर में कोरोना गाइडलाइन को लेकर लापरवाही देखी जा रही है। दोनों टीके लगवाने के बाद भी लोग ना मास्क पहन रहे हैं, ना बार-बार हैंड वॉश कर रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, कोरोना वायरस उन पर आसानी से हमला कर देता है। दोनों डोज लगवाने के साथ ही यह भी जरूरी है कि कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया जाए।
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