सार

महामारी के दौर में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला पेशे से एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी का मालिक है, आरोपी का नाम विनय त्रिवेदी है। उसका पीथमपुर में फॉर्मा का प्लांट है। बताया जाता है कि उसका हिमाचल के कांगड़ा में भी एक दवा बनाने का प्लांट है। 


इंदौर. मध्य प्रदेश में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज के लिए तड़प रहे हैं। परिजन अपनों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर लेने के लिए कई गुना अधिक कीमत भी चुकाने को तैयार हैं, फिर भी वह नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं इसी बीच इंदौर शहर से कालाबाजारी की बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक दवा कंपनी के मालिक को 400 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया है।

पीथमपुर और हिमाचल में हैं आरोपी के दवा प्लांट
दरअसल, महामारी के दौर में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला पेशे से एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी का मालिक है, आरोपी का नाम विनय त्रिवेदी है। उसका पीथमपुर में फॉर्मा का प्लांट है। बताया जाता है कि उसका हिमाचल के कांगड़ा में भी एक दवा बनाने का प्लांट है। 

इंदौर में कर रहा था नकली इंजेक्शन की सप्लाई 
आरोपी ऊंचे दामों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के बीच इंदौर में नकली माल की सप्लाई कर रहा था। इंदौर क्राइम ब्रांच को सूचना मिली तो उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया। जिसके पास से 400 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं। आरोपी के साथ एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ जारी है।

पुलसि ने ऐसे आरोपी को पकड़ा रंगेहाथ
इंदौर आईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने मीडिया को बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि पीथमपुर में दवा कंपनी का एक मालिक ज्यादा दामों में इंजेक्शन की सप्लाई कर रहा है। बताया कि इस दौरान आरोपी अपनी काले रंग की टाटा सफारी कार से नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन लेकर उन्हें सप्लाई करने के लिए निकला है। इसी आधार पर हमने टीम बनाकर उसका पीछा करना शुरू कर दिया। आरोपी को क्राइम ब्रांच ने खंडवा रोड पर  न्यू रानीबाग इलाके से घेरा बंदी करके गिरफ्तार कर लिया।  उसके पास से 25 बॉक्स बरामद किए गए जिनमें  400 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रखे हुए थे। 

ऊंचे दामों में बेचकर कमाता था पैसे
पुलिस ने जब उससे इनके बारे में कड़ाई  से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी सही दस्तावेपज भी पेश नहीं कर सका है। उसने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश की किसी कंपनी से  नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगवाता था। एक इंजेक्शन को वह 25 से 30 हजार में बेंचता था। उसके पास से पकड़े गए इंजेक्शनों की कीमत 20 लाख रुपए बताई जा रही है।