सार

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में सीवेज टैंक (sewage tank) में बड़ा हादसा हो गया। यहां करीब 20 फीट गहरे सीवेज टैंक में उतरने से मजदूर (Labour) और इंजीनियर (Engineer) की मौत हो गई। खुले हुए चैंबर के पास उनके जूते पड़े मिले। इन्हें देख राहगीर को आशंका हुई और आसपास के लोगों ने इन्हें सीवेज टैंक में गिरते हुए देखा था।

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में सीवेज टैंक (sewage tank) में बड़ा हादसा हो गया। यहां करीब 20 फीट गहरे सीवेज टैंक में उतरने से मजदूर (Labour) और इंजीनियर (Engineer) की मौत हो गई। खुले हुए चैंबर के पास उनके जूते पड़े मिले। इन्हें देख राहगीर को आशंका हुई और आसपास के लोगों ने इन्हें सीवेज टैंक में गिरते हुए देखा था। मामले की सूचना गांधी नगर पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस ने रस्सी से बांधकर लाशों को बाहर निकाला। प्रथम दृष्टया उनकी मौत जहरीली गैस से दम घुटने से हुई है। मामले में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) ने जांच के आदेश दिए हैं। 24 घंटे में घटना की रिपोर्ट तलब की गई है। घटना लाऊखेड़ी इलाके की है।

हादसा सोमवार दोपहर 3.30 बजे हुआ है। नगर निगम के जोन नंबर-1 के लाऊखेड़ी क्षेत्र में अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी सीवेज का काम देखती है। बताते हैं कि सीवेज लाइन अभी बंद है, लेकिन उसमें बारिश और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भर गया है। सोमवार को कंपनी के इंजीनियर दीपक सिंह और एक अन्य मजदूर जांच करने के लिए गए थे। उनके जूते बाहर रखे थे। सोनू मीणा नाम का युवक वहां से गुजरा तो उन्हें जूते दिखाई दिए। इसके बाद सूचना मिलने पर गांधी नगर थाना पुलिस पहुंची। मौके पर नगर निगम और रेस्क्यू टीम को भी बुलाया गया।

मजदूर फंसा तो बचाने पहुंच गए इंजीनियर
बताया गया कि सबसे पहला मजदूर भरत सिंह उतरा था। अंदर वहां जाते ही वह बचाने के लिए चिल्लाने लगा तो इंजीनियर दीपक सिंह भी तुरंत नीचे उतर गए। वे भी वहां फंस गए। कुछ ही देर में दोनों की मौत हो गई। घटना की वजह जहरीली गैस बताई जा रही है। वहीं, पैर फिसलने से भी सीवेज में फंसने की आशंका है। फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है।

कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ थाने में शिकायत
नगर निगम के सीवेज और सीवेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता ने बताया कि इस मामले में अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही है। देशभर में सीवेज टैंक में उतरने की मनाही है। इसके बावजूद बिना किसी शेफ्टी के दोनों टैंक में उतर गए। नगर निगम कमिश्नर कोलसानी ने इंचार्ज संतोष गुप्ता को संबंधित कंपनी के खिलाफ थाने में शिकायत करने के निर्देश दिए। कमिश्नर का कहना था कि थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह हादसा केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत बनाई जा रही सीवर लाइन के अंदर हुआ है। लिहाजा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

चश्मदीद ने ये बताया...
चश्मदीद सोनू मीणा ने बताया- ‘मैं बैरागढ़ जा रहा था। लाऊखेड़ी पहुंचा था, तभी दो बच्चियों ने आवाज दी और बोलीं कि गड्‌ढे में दो अंकल गिर गए हैं। मैंने गाड़ी रोकी और देखा कि एक युवक अंदर फंसा था और उसे बचाने के लिए दूसरा (इंजीनियर) भी गिर गया था। आसपास की महिलाएं भी आ गईं। हमने मिलकर गड्‌ढे में रस्सी डाली, लेकिन उन्हें नहीं निकाल पाए। एक तो कीचड़ में बुरी तरह से फंसा था। पुलिस को सूचना दी। जब तक दोनों को निकालते, उनकी मौत हो गई थी।’ सोनू का कहना था कि एक युवक तो कीचड़ में इतना फंसा था कि उसे बाहर निकालने में काफी मशक्कत हुई। दूसरे की सांसें चल रही थीं, उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया था।

24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई
भोपाल के प्रभारी मंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने संभागायुक्त को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि हादसे की जांच कर 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाए। इसका पता लगाया जाएगा कि दोनों सीवर में क्यों उतरे थे और क्या सीवर में उतरते समय दोनों की सुरक्षा के मानदंडों का पालन किया था या नहीं?

झूठी शान के लिए बेटी को मारडाला, 90 दिन तक सीवर टैंक में छिपाए रखा शव, प्रेमी ने खोला राज

शारीरिक संबंध बनाते वक्त भड़की पत्नी, ब्लेड से पति का प्राइवेट पार्ट काट दिया, जानें पूरा मामला

Shocking: पबजी-फ्री फायर की उधारी चुकाने के लिए नाबालिग लड़के ने 12 साल के भाई की हत्या की, फिर शव गाड़ दिया