सार

माया विश्वकर्मा ने एमपी पंचायत चुनाव में सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद ग्रामीणों का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि वे गांव के विकास और लोगों की सेवा के लिए काम करती रहेंगी। उन पर जो विश्वास जताया गया है, उस पर खरे उतरने की पूरी कोशिश रहेगी।

नरसिंहपुर : पैडवुमेन (Padwoman) नाम से मशहूर माया विश्वकर्मा (Maya Vishwakarma) मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2022) में निर्विरोध सरपंच चुन ली गई हैं। नरसिंहपुर (Narsinghpur) जिले के साईंखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत मेहरागांव की वह सरपंच बनने जा रही हैं। इस ग्राम पंचायत में महिला सरपंच के साथ ही सभी 11 पंच निर्विरोध निर्वाचित होंगे। साल 2008 में अमेरिका से PHD करने वाली माया विश्वकर्मा काफी फेमस हैं। वह सुकर्मा फाउंडेशन के जरिए सोशल वर्क करती हैं। उनके सरपंच बनने से गांव के लोग काफी खुश हैं। आइए आपको बताते हैं पैडवुमेन से निर्विरोध सरपंच बनने तक माया विश्वकर्मा की कहानी...

'पैडवुमेन' नाम से फेमस
माया विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को में ब्लड कैंसर पर रिसर्च किया। जब वह भारत लौटीं तो उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) ज्वॉइन किया और नरसिंहपुर में ही काम करना शुरू किया। माया जब गांव की महिलाओं से मिलीं तब उन्हें उनका दर्द महसूस हुआ। उन्हें अहसास हुआ कि ग्रामीण महिलाएं उसी परेशानी से गुज़र रही हैं, जिससे कभी वो गुजरी थीं। माया ने इसके बारे में पूरी रिसर्च की  और फिर काम में जुट गईं। उन्होंने आसपास की गरीब बस्तियों की महिलाओं को माहवारी के दौरान पैड की उपयोगिता और लाभ के लिए जागरूक किया। इसलिए उन्हें 'पैडवुमेन' और 'पैडजीजी' के नाम से जाना जाता है। 

गांव में सैनेटरी नैपकिन बनाने का काम
माया ने बताया कि जब वो भारत लौटीं तब पैडमैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम से भी मिली थीं। इसके बाद उन्होंने गांव में सैनेटरी नैपकिन बनाने का काम शुरू किया। माया ने बताया किअरुणाचलम जिस मशीन का इस्तेमाल पैड बनाने के लिए करते हैं, उसमें मशीन के साथ हाथों से भी काफी काम करना पड़ता है, जबकि मुझे ऐसी मशीन चाहिए थी, जिसमें हाथ का इस्तेमाल कम हो। इसी सोच के साथ माया ने एक घर से सैनिटरी नैपकिन बनाने का काम स्टार्ट किया और अब इससे बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ गई हैं। उनकी संस्था समाज सेवा का काम करती है। 

AAP से चुनाव लड़ीं
माया विश्वकर्मा साल 2014 में आम आदमी पार्टी (AAP) के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। माया होशंगाबाद नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के मैदान में उतरी थीं। इसके बाद वो पार्टी के लिए काम करती हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी उन्हें काफी सपोर्ट मिलता है। माया बताती हैं कि चुनाव लड़ने का उनका मकसद राजनीति नहीं बल्कि समाज सेवा है।

अब सर्वसंम्मति से बनीं सरपंच
माया विश्वकर्मा अब सर्वसम्मति से 25 जून को मेहरागांव की सरपंच बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में पहली बार कोई महिला निर्विरोध सरपंच बनाई गई है। आजादी के बाद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। ये हमारे बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद है। गांव के लोगों ने मुझपर जो विश्वास जताया है, मैं उनकी आशाओं पर खरा उतरने के लिए विकास के सभी काम करूंगी। जो दायित्व उन्हें सौंपा गया है, उसका पूरी निष्ठा से निर्वहन करेंगी।

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