सार
मध्य प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में भूचाल लाने वाले हनी ट्रेप केस की जांच खुद सवालिया घेरे में आ गई है। सरकार ने तीसरी बार इसकी जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के चीफ को बदला है।
भोपाल. मध्य प्रदेश में भूचाल लाने वाले हनी ट्रेप केस की जांच खुद विवादों में घिरती नजर आ रही है। इस मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों गलियारों में खासी हलचल मचा रखी है। इस बीच सरकार ने इसकी जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(SIT) की चीफ को बदल दिया है। अब राजेंद्र कुमार को इसकी कमान सौंपी गई है। वे 1985 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उल्लेखनीय है कि 9 दिन पहले ही इसका चीफ संजीव शमी को बनाया था। दरअसल, जब SIT का गठन हुआ, तब आईजी सीआईडी डी श्रीनिवास वर्मा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी उठाने से मना कर दिया था। नई टीम में एडीजी सायबर क्राइम मिलिंद कानस्कर और एसएसपी इंदौर रुचि वर्धन मिश्र भी रहेंगी। इससे पहले मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती और डीजीपी वीके सिंह से इस बारे में विस्तार से चर्चा की थी।
यह भी पढ़ें
हनी ट्रेप: शिकार पर चील की तरह नजर रखती थीं ये महिलाएं
मप्र के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में जांच से पीछे हटे SIT चीफ
उल्लेखनीय है कि इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर की शिकायत पर पुलिस ने आरती दयाल (29), मोनिका यादव (18), श्वेता जैन पति विजय जैन (39), श्वेता जैन पति स्पनिल जैन (48), और बरखा सोनी (34) को अरेस्ट किया था। जब जांच आगे बढ़ी, तो कई चौंकाने वाले नाम सामने आए। ये महिलाएं संगठित गिरोह की तर्ज पर नेताओं, अफसरों और व्यापारियों को ब्लैकमेल करती थीं।
यह भी पढ़ें
नेता हों या IAS-IPS बड़ी आसानी से फांस लेती थी यह 'बला'
लेट नाइट पार्टियों की शौकीन ये महिलाएं, मंत्री-IAS के 90 आपत्तिजनक वीडियो बनाकर कमाए 15 करोड़
सरकार ने बदले कई अफसर..
हनी ट्रेपिंग की आंच सरकार तक आ पहुंची है। कई नेता और सीनियर अफसर तक जांच के दायरे में आ गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासनिकस्तर पर बड़ा फेरबदल कर दिया है। दरअसल, इसी मामले को लेकर डीजीपी वीके सिंह और सायबर सेल के डीजी पुरुषोत्तम शर्मा के बीच तनातनी सामने आई थी। इसके बाद सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठने लगे थे।
ये आईपीएस इधर से उधर
- राजेंद्र कुमार-संचालक, लोक अभियोजन से स्पेशल डीजी, सायबर
- डॉ.. शैलेंद्र श्रीवास्तव-स्पेशल डीजी व परिवहन आयुक्त से अध्यक्ष, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन
- केएन तिवारी-स्पेशल डीजी, ईओडब्ल्यू से स्पेशल डीजी, चयन एवं भर्ती
- पुरुषोत्तम शर्मा-स्पेशल डीजी, सायबर एवं एसटीएफ से संचालक, लोक अभियोजन
- पवन जैन-एडीजी, योजना से एडीजी, लोकायुक्त संगठन
- कैलाश मकवाना-एडीजी, इंटेलीजेंस से एडीजी, प्रशासन
- मिलिंद कानस्कर-एडीजी, आरएपीटीसी से एडीजी, सायबर
- जीपी सिंह -एडीजी, एंटी नक्सल ऑपरेशन से एडीजी, एससीआरबी
- सुशोभन बनर्जी-एडीजी, लोकायुक्त संगठन से प्रभारी डीजी, ईओडब्ल्यू
- एसडब्ल्यू नकवी-एडीजी, प्रशासन से एडीजी, इंटेलीजेंस
- व्ही मधुकुमार-एडीजी, लोकायुक्त संगठन से आयुक्त, परिवहन
- राजेश गुप्ता-एडीजी, सायबर से एडीजी, एटीएस
- आदर्श कटियार-एडीजी, एससीआरबी से एडीजी व आईजी भोपाल
- संजीव शमी-एडीजी, एटीएस से एडीजी, चयन एवं भर्ती
- योगेश देशमुख-आईजी, भोपाल से आईजी, प्रशासन
इनका प्रमोशन
- अनंत कुमार सिंह-आईजी, लॉ एंड ऑर्डर से एडीजी, योजना
- आशुतोष राय-आईजी, होशंगाबाद से एडीजी व आईजी, होशंगाबाद
- राजाबाबू सिंह-आईजी, ग्वालियर से एडीजी व आईजी, ग्वालियर
- डीपी गुप्ता-आईजी, चंबल से एडीजी व आईजी, चंबल
- - शैलेष सिंह ओएसडी मुंबई पदस्थ
यह भी पढ़ें
हनी ट्रैपिंग: जानिए कितने मंत्रियों के अलावा IAS और IPS इनके मोहजाल में फंसे हुए थे
हनी ट्रैप केस : इन महिलाओं ने अपने ऐशो-आराम के लिए अफसर हों या नेता, सबको फंसाया