सार
काशी कॉरिडोर के बाद अब 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में बने 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने मंगलवार शाम 7 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में महाकाल लोक को देश को समर्पित किया। 856 करोड़ की लागत से बने महाकाल लोक की भव्यता देखते ही बनती है।
Mahakal Lok: काशी कॉरिडोर के बाद अब 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में बने 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने मंगलवार शाम 7 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में महाकाल लोक को देश को समर्पित किया। 856 करोड़ की लागत से 47 हेक्टेयर क्षेत्र में बने महाकाल लोक की भव्यता देखते ही बनती है। दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक, महाकाल कॉरिडोर अब 24 घंटे सोने की तरह दमकेगा। महाकाल लोक पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक, महाकाल लोक के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश को एक नई दृष्टि और दिशा दी है।
महाकाल लोक के माध्यम से मोदीजी ने देश को एक नई दृष्टि दी :
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- 2016 में हुआ था सिंहस्थ यानी महाकुंभ, उसमें प्रधानमंत्री जी भी पधारे थे। उस समय विचार महाकुंभ भी हुआ था, तब कई तरह के विचार आए थे जिनमें एक विचार यह भी था कि श्री महाकाल महराज के दर्शन करने दुनिया और देशभर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं। दर्शन के बाद कोई ऐसी रचना होनी चाहिए, जिससे भगवान शिव की लीलाएं लोग महाकाल मंदिर के प्रांगण में देख सकें। शिवराज सिंह चौहान ने कहा- एक अद्भुत रचना हुई है..श्री महाकाल लोक की रचना। प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश को एक नई दृष्टि और दिशा दी है।
जब मोदीजी ने बिना किसी तामझाम के रामघाट पर किया स्नान :
उज्जैन के विधायक मोहन यादव ने कहा- मोदी जी जब 2004 में कुंभ के दौरान यहां स्नान करने आए थे तो गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर थे। हालांकि, उन्होंने बहुत सहजता के साथ बिना किसी तामझाम के रामघाट पर स्नान किया था। मोदी जी ने यहां, उनका जो अपना एक तरीका है उसके मुताबिक उन्होंने कुंभ में स्नान किया। उनकी बाबा महाकाल के प्रति गहरी आस्था है। वर्तमान में श्री महाकाल लोक का निर्माण कार्य करवाने की कल्पना भी उन्हीं की थी।
उज्जैन को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान देगा महाकाल लोक :
उज्जैन के रहने वाले ओमप्रकाश जैन के मुताबिक, सिंहस्थ-2016 में उज्जैन का स्वरूप कैसा होगा, इसके लिए मोदी जी ने चिंता की। इसके साथ ही वो उज्जैन में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लाए। शिप्रा नदी को कैसे स्वच्छ रखा जाए, इस विषय पर भी उन्होंने काम किया है। आज जो आप महाकाल लोक का इतना बड़ा परिसर देख रहे है, जो कि अब पर्यटन के माध्यम से उज्जैन को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान देगा। ये सब मोदीजी की दूरदृष्टि है। मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने के लिए सभा लेने आते थे। हर बार ये बोलते थे कि नर्मदा के पानी को मैं शिप्रा में मिलाऊंगा और वास्तव में ये मध्य प्रदेश के लिए इतना अद्भुत काम है कि खूब ऊंचाई तक पानी को ले जाकर वापस नदी में छोड़ना, ये बड़ा विषय था। लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार और मोदी जी के मार्गदर्शन में वो काम बहुत अच्छे से सफल हो गया।
महाकाल लोक मोदीजी के सद्प्रयासों का ही फल है :
उज्जैन के पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय ने कहा- मोदी जी चाहते थे कि उज्जैन हमारी आध्यात्मिक राजधानी बने, हमारी सांस्कृतिक राजधानी बने। उज्जैन में कम से कम एक जगह ऐसी होनी चाहिए, जहां लोग आकर भक्ति में लीन हो जाएं। स्मार्ट सिटी के अंदर ये जो महाकाल लोक का विकास हो रहा है, ये वास्तव में मोदी जी के सद्प्रयासों का ही फल है।
अखंड राष्ट्र के लिए मोदीजी करेंगे संध्या पूजन :
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष जी ने बताया- जब मोदीजी बाबा महाकाल के दरबार में आए थे तो उन्होंने बाबा की जो मर्यादा और परंपराएं हैं, उसका ख्याल रखते हुए मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद वे नंदी हाल और वहां से अभिषेक स्थल पर गए थे। उस समय प्रात:काल भगवान का निराकार स्वरूप रहता है। मोदी जी ने भगवान शिव के निराकार स्वरूप की पूजा की थी। उनकी जो पूजा पद्धति है, वो पूरी तरह शास्त्रोक्त परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ करने में विश्वास रखते हैं। अखंड राष्ट्र के लिए, भारत की सुख-समृद्धि के लिए सायंकाल पूजन का महत्व बताया गया है, इसलिए वो संध्या पूजन के लिए आ रहे हैं। ये काफी महत्वपूर्ण है।
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