सार
कहते हैं कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना...' फिर भी लोग धर्म के नाम पर लड़-झगड़ पड़ते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक मुस्लिम दम्पती ने जो किया..वो चौंका गया।
ग्वालियर, मध्य प्रदेश. इस तस्वीर में जो दम्पती भगवान और पंडितजी की आरती उतारते दिखाई दे रहा है, वो एक मुस्लिम है। लिहाजा चौंकाना लाजिमी है। लेकिन इस दम्पती ने सर्वधर्म समभाव की एक मिसाल कायम की है। इस दम्पती ने अपने गांव में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया है। दिलचस्प बात यह रही कि इस गांव में 17 मुस्लिम परिवार निवास करते हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों ने बढ़-चढ़कर इस हिंदू धार्मिक आयोजन में हिस्सेदारी दिखाई। यह गांव है ग्वालियर जिले का सासन। मुस्लिम दम्पती फिरोज खान और उनकी बेगम सफीना खान इस कथा के यजमान हैं। इस दौरान गांव में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कथा सुनने मुस्लिम लोग भी पहुंच रहे हैं।
इसलिए रखा था आयोजन..
फिरोज खान दम्पती अपने धर्म के अलावा हिंदू धर्म को भी तवज्जो देता है। वे माता के भक्त हैं। बताते हैं कि वे 11 बार गोवर्धन परिक्रमा कर चुके हैं। वहीं 3 बार वैष्णोदेवी की यात्रा पर जा चुके हैं। फिरोज बताते हैं कि वे पिछले 11 साल से ग्वालियर के शीतला माता मंदिर जा रहे हैं। पेशे से किसान फिरोज ने अपने गांव में करीब 45 बीघा जमीन लीज पर ले रखी है। खेती-किसानी बेहतर रहे, इसलिए वे समय-समय पर धार्मिक आयोजन करते हैं। फिरोज 2006 से भागवत कथा सुनते आ रहे हैं। वे नवरात्र पर 14 सालों से कन्याभोज कराते आ रहे हैं।
फिरोज बताते हैं कि इस साल भारी बारिश हुई थी। खेतों में पानी भरा हुआ था। वे दुखी थे। इसके बाद उन्होंने मां से प्रार्थना की थी कि अगर फसल अच्छी हुई तो भागवत कथा कराएंगे। उनकी मुराद पूरी हुई..तो उन्होंने यह आयोजन कराया।
इस बार फिरोज के खेतों में 20 लाख रुपए की धान हुई है। फिरोज कहते हैं कि कथा के समापन पर वे गांव में विशाल भंडारा करेंगे। फिरोज कहते हैं कि कोई भी धर्म बुरा नहीं होता..बुराई सोच में होती है। हमें सब धर्मों का सम्मान करना चाहिए।