सार
मासूम तौसीफा अपनी मां की तरह देखादेखा करती थी। एक दिन यही चंचलता उसकी मौत की वजह बन गई। पिता कहा कि, हम दसूरे मंजिल पर रहते थे, नीचे एक किराने की दुकान थी तो मेरी पत्नी अक्सर खिड़की से रस्सी के जरिए बाल्टी डालकर सामान लिया करती थी। एक दिन बेटी ने भी बाल्टी नीचे डाल दी और वह सिर के भर नीचे गिर गई।
इंदौर. अधिकतर हमने-आपने देखा है कि छोटे बच्चे वही करने लगते हैं जो हम करते हैं। लेकिन कभी-कभी मासूमों की यह चंचलता हादसों में तब्दील हो जाती है। ऐसा एक दिल दहला देने वाला मामला मध्य प्रदेश में हुआ। जहां एक बच्ची दर्दानक हादसे का शिकार हो गई और बुधवार को उसकी मौत हो गई। दरअसल, मासूम अपनी मां की तरह देखादेखी करती थी।
मां की देखादेखी कर रही थी मासूम
दरअसल, ये दर्दनाक हादसा करीब दो महीने पहले इंदौर की एक कॉलोनी में हुआ था। जहां साढ़े तीन साल की बच्ची तौसीफा दूसरी मंजिल से नीचे आकर गिर गई थी। पिता वसीम ने रोते हुआ कहा कि, हम दसूरे मंजिल पर रहते थे, नीचे एक किराने की दुकान थी तो मेरी पत्नी परवीन अक्सर खिड़की से रस्सी के जरिए बाल्टी डालकर सामान लिया करती थी। एक दिन बेटी ने भी मां की तरह बाल्टी नीचे डाल दी और वह सिर के भर नीचे गिर गई। यह घटना 16 अगस्त की है।
दो महीने तक कोमा में रही मासूम
वसीम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह साइकिल पर पलंग-बिस्तर बेचकर घर का खर्चा चलाता है। फिर भी उसने अपनी बेटी के लिए 4.5 लाख रुपए उधार लेकर उसका इलाज करवाया। जहां मासूम तौसीफ दो महीने तक कोमा में भी रही। लेकिन बुधवार को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।