सार

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना उज्जैन से सामने आई है। जहां एक नशेड़ी किराएदार ने अपने ही मकान मालिक के बेटे को पहले अगवा कर लिया। फिर उसका रेप करने के बाद मासूम का मुंह दबाकर पानी गर्म करने वाली रॉड से करंट लगाकर उसकी हत्या कर डाली। 

उज्जैन, मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक बहुत ही शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने 8 वर्ष के  बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया। इसके बाद दरिंदे ने मासूम को मार डाला। फिर पकड़े जाने के डर से आरोपी ने खुद फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। पुलिस ने बच्चे और आरोपी के शव को बरामद कर लिया है।

बदनामी के डर से खुद ने भी लगा ली फांसी
दरअसल, मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना उज्जैन के नीलगंगा इलाके में सामने आई है। जहां एक नशेड़ी किराएदार ने अपने ही मकान मालिक के बेटे को पहले अगवा कर लिया। फिर उसका रेप करने के बाद मासूम का मुंह दबाकर पानी गर्म करने वाली रॉड से करंट लगाकर मासूम की हत्या कर डाली। इससे बाद शव को कपड़े में लपेटकर घर में ही छिपा दिया। आरोपी इतना शातिर कि परिजनों के साथ मिलकर बच्चे को तलाश में जुट गया। लेकिन उसको लगने लगा था कि वह इस घटना को ज्यादा दिन तक नहीं छिपा पाएगा इसलिए अगले दिन सुबह खेत में जाकर पेड़ पर लटक कर अपनी जान दे दी।

बच्चे को मारकर परिवार के साथ खोज में जुटा रहा
बता दें कि मुकेश प्रजापत का बेटा कान्हा उर्फ कृष्णा सोमवार शाम घर के सामने बच्चों के साथ गरबा खेल रहा था। इसी दौरान किराएदार सुनील आया और बच्चे को चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और अपने कमरे में ले गया। जहां उसने बच्चे के मुंह में कपड़ा ठूसकर उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया। जब बच्चा एक दो घंटे हो जाने के बाद घर नहीं गया तो परिजन उसे इधर-उधर तलाशने लगे। इतना ही नहीं एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह चौहान अपनी टीम के साथ बच्चे की तलाश में जुटे रहे। 

बिस्तर में लिपटा था मासूम का शव
अगले दिन बाद बच्चे के पिता ने किराएदार के कमरे में जाकर देखा तो बेटे का शव बिस्तर में पड़ा हुआ था। इसके बाद पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। जहां मौके पर आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला घटनास्थल पर पहुंचे और कमरे की तलाशी ली तो पानी गर्म करने की रॉड जब्त की गई, जिसके जरिए मासूम की हत्या की थी।

आरोपी को अपना घर का सदस्य मानते था पीड़ित परिवार
पीड़ित परिवार ने बताया कि सुनील खुद हमारे साथ बेटे की तलाश में जुटा हुआ था इसलिए हमने उस पर शक नहीं किया। रात को वह बच्चे को खोजने के बाद कमरे में जाकर सो गया और सुबह जल्दी घर से बाहर कहीं चला गया। उससे परिवार से अच्छा मेलजोल था कभी सोचा नहीं था कि वो ऐसा कर सकता है। वह अक्सर हमारे घर में आ जाता था और बच्चों के साथ खेलता था। बता दें कि आरोपी सुनील मिस्त्री का काम करता था। वह दो साल से मुकेश प्रजापति के यहां किराए से रह रहा था। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल लोकेशन की मदद उस तक पहुंची तो जंगल में पेड़ पर उसका शव फंदे पर लटका मिला।