सार
दिल्ली की भाजपा नेत्री दीप्ति रावत भारद्वाज ने संजय राउत के खिलाफ 9 दिसंबर को दिल्ली के मंडावली थाने में शिकायत दी है। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राउत ने एक टीवी इंटरव्यू में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया था।
नई दिल्ली/ मुंबई. महाराष्ट्र के सीनियर नेता और सत्ताधारी पार्टी शिवसेना से राज्यसभा (shiv sena mp) संजय राउत (Sanjay Raut) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह शिकायत भारतीय जनता पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने दिल्ली में दर्ज कराई है। राउत पर भाजपा की महिला सदस्यों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप लगा है।
टीवी इंटरव्यू में महिलाओं के लिए कहे थे आपत्तिजनक शब्द
दरअसल. दिल्ली की भाजपा नेत्री दीप्ति रावत भारद्वाज ने संजय राउत के खिलाफ 9 दिसंबर को दिल्ली के मंडावली थाने में शिकायत दी है।
उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि राउत ने एक टीवी इंटरव्यू में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग किया था। इतना ही नहीं भाजपा कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकियां दीं और आपत्तिजनक भाषा का भी उपयोग किया।
टीवी चैनल की क्लिपिंग्स भी पुलिस को सौंपी
दीप्ति रावत भारद्वाज ने शिकायत दर्ज कराने के साथ उन टीवी चैनल की क्लिपिंग्स को भी पुलिस को सौंपी है, जिसमें राउत ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। दिल्ली पुलिस ने संजय राउत के ऊपर मुकदमा स्त्री समाज को अपमानित करने और स्त्री के लिए सामाजिक रूप में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
संजय राउत का नहीं आया कोई बयान
अक्सर अपने विवादित बयान देने वाले शिवसेना नेता संजय राउत की तरफ से अभी इस मामले को लेकर कई बयान सामने नहीं आया है। अब देखना होगा कि पुलिस की आगे की कार्रवाई पर वह अपना अगल क्या कदम उठाते हैं।
राहुल-प्रियंका को दी राउत ने ये सलाह
बता दें कि एक दिन पहले ही रविवार को संजय राउत ने कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किए हैं। राउत ने साफ कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) व प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी बात कही कि दोनों भाई-बहन के काम करने के तौर-तरीके भले ही अलग हों लेकिन उनमें एकमत है। उन्होंने कहा था कि कहा कि गांधी भाई-बहनों को लोकमान्य तिलक से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक क्रांति के हथियार में बदल दिया था।