सार

मुखपत्र सामना (Saamana) के संपादकीय में शिवसेना ने साफ किया था कि कांग्रेस को नकार कर देशस्तर पर विपक्ष की बात सोचा तक नहीं जा सकता है। शिवसेना ने सवाल किया था कि अगर यूपीए नहीं है तो एनडीए भी नहीं है लेकिन देश को यूपीए की आवश्यकता है भले ही मोदी को एनडीए की जरूरत न हो।

मुंबई। शिवसेना (Shiv Sena) ने एक बार फिर कांग्रेस (Congress) का बचाव करते हुए मजबूत विपक्ष के लिए प्रासंगिकता बताई है। साथ ही कांग्रेस में रहकर सवाल करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए पार्टी की मजबूती के लिए उनके योगदान पर सवाल किए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने साफ कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) व प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी बात कही कि दोनों भाई-बहन के काम करने के तौर-तरीके भले ही अलग हों लेकिन उनमें एकमत है।

सामना के साप्ताहिक लेख में राउत ने कांग्रेस को दी सलाह

शिवसेना के सांसद व सामना अखबार के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा कि गांधी भाई-बहनों को लोकमान्य तिलक से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने कांग्रेस को राजनीतिक क्रांति के हथियार में बदल दिया था। 

ममता बनर्जी ने यूपीए को किया था खारिज

महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन वाली MVA सरकार है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) इस सरकार के मुख्यमंत्री हैं। बीते दिनों महाराष्ट्र दौरे पर पहुंची ममता बनर्जी ने यूपीए (UPA) के अस्तित्व पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी एकता की बात को खारिज कर दिया था। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के इस संकेत के बाद विपक्षी एकता बनने से पहले ही खत्म होता नजर आया। 

ममता बनर्जी के बयान के बाद शिवसेना ने संभाला मोर्चा

हालांकि, ममता बनर्जी के बयान के बाद शिवसेना कांग्रेस के समर्थन में उतर आई थी। बीते दिनों अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के संपादकीय में शिवसेना ने साफ किया था कि कांग्रेस को नकार कर देशस्तर पर विपक्ष की बात सोचा तक नहीं जा सकता है। शिवसेना ने सवाल किया था कि अगर यूपीए नहीं है तो एनडीए भी नहीं है लेकिन देश को यूपीए की आवश्यकता है भले ही मोदी को एनडीए की जरूरत न हो।

बीते दिनों संजय राउत ने की थी राहुल गांधी से मुलाकात

ममता बनर्जी के बयान के बाद देश में मची हलचल के बीच में शिवसेना ने साफ तौर पर कांग्रेस का समर्थन किया। शिवसेना के प्रवक्ता और ‘सामना' के कार्यकारी संपादक राउत ने पिछले हफ्ते नयी दिल्ली में कांग्रेस के दोनों नेताओं से मुलाकात भी की थी। 

राउत ने बताया, क्या बातचीत हुई

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना' में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक' में राउत ने कहा कि दिल्ली में मुलाकात के दौश्रान राहुल गांधी ने उनसे कहा कि कांग्रेस ने कभी भी वरिष्ठ नेताओं का अपमान नहीं किया। राउत ने गांधी के हवाले से कहा कि उन्होंने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से राज्यसभा सदस्यता अवधि समाप्त होने के बाद कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई की कमान संभालने का अनुरोध किया था, लेकिन आजाद ने इनकार कर दिया। राउत ने राहुल गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘वह (आजाद) चुनाव के बाद फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। लेकिन, उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वहां (जम्मू कश्मीर) कांग्रेस मजबूत नहीं है। आजाद जी वहां के मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें लगता है कि कांग्रेस का वहां अस्तित्व नहीं है।'' 

शिवसेना नेता ने कांग्रेस में रहकर बयान देने वाले नेताओं के बारे में कहा कि कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं के लिए बहुत किया है। राहुल भी उनके साथ खड़े रहते हैं। लेकिन जब पार्टी को इन नेताओं की जरूरत होती है तो वे अलग स्टैंड ले लेते हैं। कांग्रेस से लाभ ले चुके इन नेताओं को बताना चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अबतक क्या किया है।

दोनों भाई-बहन की कार्यशैली अलग लेकिन एकमत 

संजय राउत ने यह बताया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कार्यशैली भले ही अलग है लेकिन दोनों एकमत रहते हैं। एक दूसरे से चर्चा किए बगैर कोई निर्णय नहीं लेते हैं। राउत ने कहा कि यदि आप किसी भी राजनीतिक चर्चा में प्रियंका गांधी तुरंत किसी स्टैंड की उम्मीद करते हैं, तो वह कहती हैं कि उन्हें अपने भाई के साथ चर्चा करनी होगी। इनमें आगामी गोवा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति से संबंधित मामले भी शामिल हैं। 

जो गांधी परिवार झेला रहा, वह अब एमवीए झेल रहा

शिवसेना नेता ने कहा कि जब उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के जरिए महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया तो प्रियंका गांधी ने कहा कि उनका परिवार भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहा है। 

ममता चाहे कितनी आलोचना करें राहुल नहीं करेंगे खिलाफत

राउत ने कहा कि राहुल गांधी कभी भी ममता बनर्जी या उनकी पार्टी की आलोचना नहीं करेंगे, भले ही ममता बनर्जी राहुल या कांग्रेस की चाहे जितनी आलोचना करते रहें। राहुल इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेंगे।

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