सार

केंद्र सरकार शिवसेना के 15 बागी विधायकों को Y+ ग्रेड की सुरक्षा दी है। विधायक के परिवार के लोगों को भी सुरक्षा दी गई है। सीआरपीएफ के 4-5 कमांडो 24 घंटे तैनात रहेंगे।

मुंबई। केंद्र सरकार शिवसेना के 15 बागी विधायकों को Y+ ग्रेड की सुरक्षा दी है। सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य बागी विधायकों को सुरक्षा कवर मिला है। महाराष्ट्र में रहने वाले उनके परिवार के लोगों को भी सुरक्षा दी गई है। सुरक्षा कवच में गृह सुरक्षा दल भी शामिल हैं। 

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को की गई एक सिफारिश के बाद विधायकों को सुरक्षा की मंजूरी दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि बागी विधायकों और उनके परिवारों को महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के कारण खतरों का सामना करना पड़ रहा है।  सीआरपीएफ के 4-5 कमांडो विधायक और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। 

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बागियों के खिलाफ किया प्रदर्शन
शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य के विद्रोह के बाद महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के वफादारों ने मुंबई में बाइक रैली निकाली। इस बीच मुंबई में महिलाओं सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता प्रभादेवी में शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के कार्यालय के बाहर जमा हो गए और शिंदे और बागी विधायकों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक बाइक रैली निकाली। रैली में शामिल शिवसेना के एक समर्थक ने कहा कि हिंदुत्व उद्धव ठाकरे के साथ है। बागी विधायकों को अगर कुछ कहना है तो उन्हें गुवाहाटी में बैठने के बजाय मुंबई आ जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें- बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे चुपके से मिलने पहुंचे अमित शाह और फडणवीस से, सरकार बनाने पर चर्चा!

पुणे के कुछ हिस्सों में भी बागी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। पुणे शहर इकाई के अध्यक्ष गजानन थारकुडे के नेतृत्व में शिवसेना कार्यकर्ताओं और उसके स्थानीय पदाधिकारियों ने बालगंधर्व सभागार के बाहर और कोथरुड में दो स्थानों पर बागी विधायकों के पोस्टर पर जूते मारे। थारकुडे ने कहा कि ये विरोध प्रदर्शन यह संदेश देने के लिए हैं कि शिव सैनिक देशद्रोहियों को माफ नहीं करेंगे।

यह भी पढ़ें- बागी एकनाथ शिंदे ने कहा-शिवसेना को महा विकास अघाड़ी के चंगुल से बचाने के लिए की है बगावत