सार

अदालत ने कहा कि इस अवधि के दौरान अस्थायी एवं अंतरिम राहत आदेश देना जारी रहेगा। उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया कि केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार ने जारी परामर्श में लोगों से एक स्थान पर नहीं जुटने को कहा गया है।

मुम्बई. बम्बई उच्च न्यायालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर अदालत का कामकाज 16 मार्च से एक सप्ताह तक जरूरी मामलों की सुनवायी तक ही सीमित होगा।

कोर्ट ने सरकार के आदेश का हवाला दिया

अदालत ने कहा कि इस अवधि के दौरान अस्थायी एवं अंतरिम राहत आदेश देना जारी रहेगा। उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया कि केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार ने जारी परामर्श में लोगों से एक स्थान पर नहीं जुटने को कहा गया है। परिपत्र में कहा गया, ‘‘कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया है कि उच्च न्यायालय की अदालतों के साथ ही नागपुर, औरंगाबाद और गोवा में बम्बई उच्च न्यायालय की पीठों का 16 मार्च, 2020 से कामकाज एक सप्ताह तक केवल जरूरी मामलों तक ही सीमित होगा।’’

महाराष्ट्र में 20 लोगों में संक्रमण की पुष्टी हुई है

इसमें कहा गया, ‘‘वकील, वादी और पक्षकार के तौर पर व्यक्ति अपने मामले संबंधित अदालतों के समक्ष जरूरी के तौर पर उल्लेखित कर सकते हैं, अदालत ऐसे मामलों की सुनवायी करेगी।’’ फिलहाल की स्थिति के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 20 पुष्ट मामले सामने आये हैं।

(ये खबर पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)