सार
महाराष्ट्र से एक डॉक्टर और बुजुर्ग महिला मरीज का गले लगाने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहां इलाज करते वक्त डॉक्टर और मरीज का रिश्ता मां-बेटे का रिश्ता बन गया। जिस किसी ने इंसानियत का यह वीडियो देखा वह भावुक हो गया।
मुंबई (महाराष्ट्र). देश इस समय जहां एक तरफ लव जिहाद और सांप्रदायिकता व जातीय तनाव से जूझ रहा है। वहीं महाराष्ट्र के औरगांबाद से हिंदू-मुस्लिम एकता का ऐसा वीडियो सामने आया है जो सौहार्द्र बिगाड़ने वालों के लिए एक सीख देता है कि इंसानियत अभी जिंदा है। जहां मुस्लिम डॉक्टर और हिंदू मरीज बुर्जुग महिला के बीच इलाज के दौरान मां-बेटे का रिश्ता बन गया।
डॉक्टर अल्ताफ शेख ने दिखा दी इंसानियत अभी जिंदा है
दरअसल, कुछ दिन पहले शांताबाई नाम की बुजुर्ग महिला को उसकी बेटी औरगांबाद के एक अस्पताल में इलाज कराने के लिए ले गई थी। महिला पिछले दो साल से किडनी स्टोन के दर्द से परेशान थी। लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह किसी बड़े अस्पातल में बेहतर इलाज करा सके। फिर वह हिम्मत करके एक निजी हॉस्पिटल में पहुंची। इसी दौरान बेटी की मुलाकात डॉक्टर अल्ताफ शेख से हुई जो यहां पर यूरो सर्जन हैं। डॉक्टर ने पीड़ित महिला की बात ध्यान से सुनी और उनकी मुफ्त इलाज कराने की सुविधा मुहैया ही नहीं कराई। बल्कि अपनी मां की तरह देखभाल भी की। इतना नहीं घर लाकर खाना तक खिलाया। इसी दौरान डॉक्टर और मरीज का रिश्ता मां-बेटे का रिश्ता बन गया।
शहीद की मां को डॉक्टर में दिखा उनका बेटा
बता दें कि महिला के दो बेटों की मौत हो चुकी है। जहां उनके एक बेटे की हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वहीं दूसरा बेटा सात साल पहले जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में देश रक्षा करते वक्त शहीद हो गया था। ऐसे में बुजुर्ग मां किसी तरह बेटे को याद करते हुए अपना जीवन काट रही थी। वह शहीद बेटे की पेंशन से पेट पाल रही थी, लेकिन बेटे की याद अक्सर आती रहती थी। जब वह अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल आईं और डॉक्टर ने उनका इस तरह ख्याल रखा कि उनको डॉक्टर में अपना बेटा नजर आने लगा। जब महिला अस्पताल से डिस्चार्ज होने लगीं तो डॉक्टर अल्ताफ शेख के गले लगाकर फफक-फफक कर रोने लगी।
(अपनी बेटी के साथ बुजुर्ग महिला शांताबाई)
सोशल मीडिया पर डॉक्टर की हो रही तारीफ
डॉक्टर और बुजुर्ग महिला को गले लगते जिस किसी ने यह दिल को झकझोर देने वाली पल देखा तो वह भावुक हो गया और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। सोशल मीडिया पर यूजर डॉक्टर अल्ताफ शेख की खूब तारीफ करते हुए लिख रहे हैं कि आज भी इंसानियत जिंदा है। लोग उनकी जिंदादिल की सलाम कर रहे हैं कि एक शहीद की मां को उनका बेटा मिल गया।
(डॉक्टर अल्ताफ शेख)
मरीज महिला का प्यार दख डॉक्टर के बहने लगे आंसू
वहीं मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर अल्ताफ शेख ने कहा कि बुजुर्ग महिला की माली हालत इतनी बेहत नहीं थी कि वह इलाज करा सकें। मैंने प्रदेश की योजना महात्मा ज्योतिबा फुले स्कीम के तहत उनका इलाज किया। जब वह ठीक होकर घर जाने लगीं तो मैंने उनको मिठाई खिलाने के लिए पहुंचा था। जैसे ही उनके पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया। उनको ऐसा लगा कि उनका बेटा रविंद्र पास आ गया है। मुझे भी उस वक्त ऐसा लगा जैसे मेरी मां के गले लग रहा हूं। उनका प्यार देख मेरी आंखों से आंसू बहने लगे।