सार
हनुमान चालीसा विवाद में अरेस्ट अमरावती सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया है। आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राणा दंपती को कोई राहत नहीं मिली है।
मुंबई. महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा के विवाद के चलते 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई अमरावती सांसद नवनीत राणा की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। लेकिन हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। बल्कि कोर्ट ने ये याचिका खारिज करते हुए उन्हें फटकार भी लगाई। बता दें कि राणा दंपती को ने अपने खिलाफ दर्ज दूसरी FIR (आईपीसी की धारा 353) को रद्द कराने के लिए याचिका लगाई थी।
वकील रिजवान मर्चेंट बोले-वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
दरअसल, नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां उन्होंने दूसरी FIR को रद्द करने की याचिका दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट की तरफ से यह खारिज हो चुकी है। वहीं नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने बताया कि उनको न्याय मिलेगा और अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
कोर्ट ने कहा-जितनी बड़ी पावर..उतनी बड़ी जिम्मेदारी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने खार थाने में दर्ज दूसरी FIR मामले में कहा कि राणा दंपत्ति की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं होगी। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका को राज्य में उचित ठहराया गया था। कोर्ट ने सार्वजनिक जगह पर हनुमान चालीसा को लेकर सांसद को फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक जीवन वालों की जिम्मेदारी ज्यादा है। जिनती बड़ी पावर होती है, उनकी उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी होती है कानून का पालन करने की।
पुलिस ने राणा दंपत्ति पर लगा रखे हैं ये आरोप
बता दें कि राणा दंपत्ति को पुलिस ने शनिवार शाम गिरफ्तार किया था। जहां उनपर पुलिस ने सरकारी मामलों में रुकावट और राजद्रोह का आरोप लगाया था। पुलिस का आरोप था कि नवनीत राणा और उनके पति ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है। इसी मामले में अगले दिन रविवार को उन्हें बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज ने पति-पत्नी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इसी दिन मुंबई पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (सरकारी काम में बाधा) के तहत एक और केस दर्ज किया था। इसी दूसरी FIR को रद्द करने की मांग को लेकर आज उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
नवनीत राणा ने कहा-जेल में रातभर पानी तक नहीं दिया गया
वहीं सांसद नवनीत राणा ने सोमवार सुबह जेल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला
को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां मुझे दलित होने की सजा मिली। मैं पूरी रात बिना पानी के ही रही। उन्होंने आगे लिखा कि मैं रातभर पुलिसवालों से पानी मांगती रही लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मुझे तब बहुत हैरानी हुई जब एक पुलिसकर्मी ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं, इसलिए मुझे ग्लास में पानी नहीं देंगे।
जानिए क्या है नवनीत राणा का हनुमान चालीसा विवाद
शुक्रवार शाम सांसद नवनीत राणा ने ऐलान किया था कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। इसके लिए शनिवार सुबह 9 बजे का वक्त उनकी तरफ से दिया गया था। लेकिन इस बीच शनिवार को बड़ी संख्या में शिवसैनिक उनके खार स्थित उनके घर के बाहर जमा हो गए और वे घर के बाहर ही नहीं निकल पाई। इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया। वहीं शाम होते-होते राणा दंपत्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि नवनीत राणा ने पाठ करने का फैसला वापस ले लिया था।
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