सार

नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सत्र से एक दिन पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिवसेना हमारी कोई दुशमन नहीं है, बस कुछ वैचारिक मतभेद हैं। साथ ही कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। 

नागपुर. आज से महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र  शुरू हो रहा है। हलांकि, कोरोना महामारी के चलते यह सत्र सिर्फ दो दिन का ही आयोजित होगा। दो दिन के इस सत्र में कई मामलों को लेकर हंगामा हो सकता है। लेकिन विपक्षी नेता और राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद सियासी हलचल और बढ़ गई हैं।

'शिवसेना हमारी कोई दुशमन नहीं..राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता '
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सत्र से एक दिन पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिवसेना हमारी कोई दुशमन नहीं है, बस कुछ वैचारिक मतभेद हैं। साथ ही कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। हालांकि कुछ दिन पहले ही फडणवीस के ओबसी आरक्षण को लेकर कड़ा रुख अपनाया था, लेकिन अब उनका रुख नरम दिख रहा है।

 'हालात के हिसाब से लेने पड़ते हैं फैसले'
फडणवीस ने कहा कि शिवसेना हमारी पुरानी दोस्त थी, लेकिन हम लोगों ने जिनके खिलाफ लड़ाई लड़ी शिवशेना ने उनके साथ मिलकर सरकार बना ली और हमें छोड़ दिया। हमने कई अहम फैसले और लड़ाइयां मिलकर लड़ी हैं। राजनीति में कुछ भी किंतु-परंतु नहीं होता है। इसमें समय और हालात के हिसाब से फैसले लेने पड़ते हैं।

कई अहम प्रस्ताव हो सकते हैं पास
ठाकरे सरकार के लिए इस मानसूत्र सत्र में मराठा आरक्षण के साथ-साथ ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण का मुद्दा भी अहम है। जिस विपक्ष की नजर रहेगी। कोरोना से जुड़ा कोई प्रस्ताव भी ठाकरे सरकार पास करा सकती है।