सार

 ठाकरे सरकार के इस मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस कानून के तहत 21 दिनों के अंदर महिला और बच्चों पर होने वाले अत्याचार पर कारवाई होगी, जिसमें मृत्युदंड शामिल है।

मुंबई. महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में 'शक्ति कानून' को मंजूरी दे दी गई है। इसे अब आगामी शीतकालीन विधानसभा सत्र में पेश कर कानून का स्वरूप दे दिया जाएगा। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए ठाकरे सरकार की यह एक अच्छी पहल है।

इस कानून में 21 दिन में होगा फैसला, मृत्युदंड तक शामिल
दरअसल, सीएम उद्धव ठाकरे की मौजदूगी में हुई मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस कानून के तहत 21 दिनों के अंदर महिला और बच्चों पर होने वाले अत्याचार पर कारवाई होगी, जिसमें दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा के साथ-साथ मामले पर त्वरित सुनवाई का प्रावधान रखा गया है।

आंध्र प्रदेश की तर्ज पर बनाया गया है यह कानून
महाराष्ट्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर अपना शक्ति कानून ड्राफ़्ट तैयार किया है। हालांकि, इस कानून में फरियादी सही कारण का हवाला देते हुए जांच में 7 दिन बढ़ाए जाने का नियम भी रखा गया है। 

45 दिन के भीतर फाइला हो जाएगी बंद
बता दें कि ऐसे जघन्य अपराधों में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत में सुनवाई रोजाना होगी। कोर्ट से सजा सुनाए जाने के 45 दिन के भीतर फाइल पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।

केंद्र सरकार के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानमंडल में इस कानून को पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में बिल को मंजूरी मिलने के बाद इसको क्रेंद सरकार के पास भेजने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।

एक करोड़ तक हो सकता है जुर्माना
बता दें कि इस कानून में आरोपी को मौत की सजा के साथ साथ पीड़िता को भारी मुआवजा देने का प्रावधान रखा गया है। जिसमें जुर्माना एक करोड़ भी हो सकता है। जिससे की पीड़िता के स्वास्थ्य में प्लास्टिक सर्जरी जैसे कई गंभीर इलाज हो सकें। इसके अलावा 16 साल से कम उम्र की महिला के साथ रेप के मामले में 12 साल की सजा का प्रावधान भी शामिल है।