सार

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर उम्मीदवारों के बीच की लड़ाई लगभग साफ  हो चुकी है। विधानसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टी के कई दिग्गजों का टिकट कट गया है जबकि इस बार दर्जनों नए चेहरे भी विधानसभा में जाने के लिए दो दो हाथ कर रहे हैं।  राज्य की कई सीटों पर दिग्गजों को दिलचस्प मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। किसी सीट पर चाचा और भतीजा एक-दूसरे के सामने ताल ठोक रहे हैं तो कहीं बहन के खिलाफ भाई ही मैदान में है।

मुंबई. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर उम्मीदवारों के बीच की लड़ाई लगभग साफ  हो चुकी है। विधानसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टी के कई दिग्गजों का टिकट कट गया है जबकि इस बार दर्जनों नए चेहरे भी विधानसभा में जाने के लिए दो दो हाथ कर रहे हैं। राज्य की कई सीटों पर दिग्गजों को दिलचस्प मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। किसी सीट पर चाचा और भतीजा एक-दूसरे के सामने ताल ठोक रहे हैं तो कहीं बहन के खिलाफ भाई ही मैदान में है।

एक सीट पर मनसे-कांग्रेस-राकांपा का गठबंधन

वैसे राज्य की सबसे है प्रोफ़ाइल सीट नागपुर दक्षिण हैं जहां से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा से कांगेस में आए आशीष देशमुख के बीच मुकाबला है। हालांकि यहां मुख्यमंत्री का पलड़ा भारी नजर आ रहा है, लेकिन मुकाबले की ओर सबका ध्यान लगा हुआ है। पहली बार विधानसभा के मैदान में उतरे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पुणे के कोथरुड से किस्मत आजमा रहे हैं। यहां पर मनसे के टिकट पर किशोर शिंदे मैदान में हैं। यहां  शिंदे को कांग्रेस-राकांपा महाअघाड़ी ने समर्थन दिया है, इस वजह से मुकाबला रोचक हुआ है।

मुंबई के वर्ली से शिवसेना नेता तथा युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे खुद मैदान में हैं। ठाकरे फैमिली से पहली बार कोई व्यक्ति चुनाव मैदान में है। इसलिए आदित्य के खिलाफ उनके चाचा राज ठाकरे ने अपनी पार्टी से कोई उम्मीदवार नहीं दिया। जबकि राकांपा ने अंतिम समय में सुरेश माने को उम्मीदवार बनाया। वैसे वर्ली को शिवसेना का गढ़ माना जाता है।

परली में भाई बहन का मुकाबला
राज्य में सबसे दिलचस्प और हाई  वोल्टेज मुकाबला परली विधानसभा में देखने को मिल रहा है। भाई-बहन के बीच में होनेवाली इस लड़ाई की ओर पूरे राज्य का ध्यान है। यहां भाजपा के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की बेटी और मंत्री पंकजा मुंडे (बीजेपी) और चचेरे भाई धनंजय मुंडे (राकांपा) के बीच यह लड़ाई काफी रोचक है।

उधर, सोलापुर में बड़े विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे को टिकट मिला। उन्हें विपक्ष के साथ अंदरूनी गुटबाजी का भी सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात के खिलाफ अहमदनगर के संगमनेर में महायुति के साहेबराव नवले को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विपक्षी नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के खिलाफ थोरात के चचरे भाई मैदान में  हैं।

पवार के गढ़ में भी बड़ा मुकाबला
बारामती से राकांपा के नेता अजित पवार के खिलाफ धनगर समाज के नेता गोपीचंद पड़लकर को मैदान में उतारा है। जबकि कर्जत में शरद पवार के पोते रोहित पवार और मंत्री राम शिंदे के बीच होनेवाले मुकाबले की ओर से ध्यान लगा हुआ है। राकांपा ने प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के सामने इस्लामपुर में शिवसेना के गौरव नाइकवाड़ी को उतारा गया है।

भाजपा से कांग्रेस में आए कांग्रेस किसान सेना नाना पटोले ने लोकसभा में नितिन गडकरी के खिलाफ जंग लड़ी थी। अब वे खुद भंडारा के साकोली से मैदान में हैं। उनका सामना सरकार में मंत्री रहे मुख्यमंत्री के करीबी परिणय फुके करेंगे।

सरकार में वित्तमंत्री रहे सुधीर मुनगंटीवार के खिलाफ बल्लारपुर क्षेत्र में कांग्रेस ने बड़ी मशक्कत के बाद विश्वास झाडे को मैदान में उतारा है। खानदेश में एकनाथ खड़से को उम्मीदवारी देने की बजाए उनकी पुत्री रोहिणी को मैदान में उतारा गया है। लातूर के ग्रामीण और शहर इन दो क्षेत्रों में पूर्व मंत्री विलासराव देशमुख के दो बेटे मैदान में है। अमित देशमुख के साथ-साथ इस बार उनके छोटे भाई धीरज देशमुख को भी लातूर ग्रामीण से टिकट मिला है। इन मुकाबलों की ओर भी सबका ध्यान लगा हुआ है।

भाजपा के खिलाफ शिवसेना ने उतारा उम्मीदवार  

उधर, कोंकण के सिंधुदुर्ग से पूर्व मुख्यमंत्री नारायन राणे  के पुत्र नीतेश राणे भले ही भाजपा की ओर से मैदान में हैं, लेकिन गठबंधन होने के बावजूद राणे - ठाकरे तनाव के चलते नीतेश के खिलाफ शिवसेना ने भी उम्मीदवार उतारा है। शिवसेना भाजपा की लड़ाई पर पूरे राज्य की निगाहें हैं।  

बीड में चाचा और भतीजे की लड़ाई की ओर समूचे राज्य का ध्यान लगा हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संदीप क्षीरसागर और जयदत्त क्षीरसागर (शिवसेना) के बीच मुकाबला है।