सार
ED ने अनिल देशमुख को इस मामले में 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था। वहीं, उनके निजी सचिव संजीव पलांडे औऱ निजी सहायक कुंदन शिंदे को इसी साल जून में गिरफ्तार किया गया। ED ने पलांडे और शिंदे के खिलाफ 24 अगस्त को ही चार्जशीट दाखिल की थी। देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ( Anil Deshmukh) के खिलाफ ED ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की है। PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में दायर चार्जशीट तकरीबन 7 हजार पन्नों की है। चार्जशीट में अनिल देशमुख के दोनों बेटों ऋषिकेश देशमुख और सलिल देशमुख को आरोपी बनाया गया है। वर्तमान में अनिल देशमुख और उनके पीए और पीएस भी जेल में हैं। बता दें कि 22 जुलाई 2021 को मुंबई (mumbai) के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह, पांच पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था। आरोप है कि इन लोगों ने शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर उगाही की थी।
2 नवंबर को गिरफ्तारी
ED ने अनिल देशमुख को इस मामले में 2 नवंबर को गिरफ्तार किया था। वहीं, उनके निजी सचिव संजीव पलांडे औऱ निजी सहायक कुंदन शिंदे को इसी साल जून में गिरफ्तार किया गया। ED ने पलांडे और शिंदे के खिलाफ 24 अगस्त को ही चार्जशीट दाखिल की थी। देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
प्रारंभिक जांच को पलटने का आरोप
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने CBI की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर क्लीन चिट देने वाली रिपोर्ट लीक होने में अनिल देशमुख की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि CBI के आरोप-पत्र में भले ही देशमुख को आरोपी नहीं बनाया गया हो, लेकिन वह बड़े षड्यंत्र के नियंत्रक हो सकते हैं। क्योंकि प्रारंभिक जांच की सामग्री लीक होने से सबसे ज्यादा लाभ उन्हें ही होता कोर्ट ने बुधवार को CBI के उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी, देशमुख के वकील आनंद डागा और नेता के सोशल मीडिया प्रबंधक वैभव गजेंद्र तुमाने के खिलाफ दाखिल उस आरोप-पत्र का संज्ञान ले रही थी, जिसमें उन पर बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से देशमुख के खिलाफ निर्देशित प्रारंभिक जांच को कथित तौर पर पलटने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।
परमबीर सिंह ने भी लगाया था वसूली का आरोप
वहीं, पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Paramvir Singh) ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखे पत्र में उन्होंने देशमुख पर हस्तक्षेप करने और हर महीने 100 करोड़ रुपये तक की जबरन वसूली करने के लिए पुलिस का उपयोग करने का आरोप लगाया था।
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