सार

 गुरुवार सुबह गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को मसूरी में आईएएस अकैडमी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्य सरकार के एक विमान से जाना था। वह काफी देर तक विमान में बैठे  उड़ान भरने के लिए इंतजार करते रहे, लेकिन पायलट को इसकी परमिशन ही नहीं मिली।

मुंबई. अक्सर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनावपूर्ण रिश्तों की खबरें तो आए दिन आती ही रहती हैं। लेकिन महाराष्ट्र के राज्यभवन से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार ने उत्तराखंड जाने के लिए सरकारी विमान देने से मना कर दिया। बताया जाता है कि वह चार्टर प्लेन  में करीब 20 मिनट तक बैठे इंतजार करते रहे, लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। आखिरकार फिर प्राईवेट एयरलाइंस से टिकट बुक करके मुंबई से देहरादून रवाना हुए।

पायलट को नहीं दी गई उड़ान भरने की अनुमति
दरअसल, गुरुवार सुबह गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को मसूरी में आईएएस अकैडमी में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राज्य सरकार के एक विमान से जाना था। वह काफी देर तक विमान में बैठे  उड़ान भरने के लिए इंतजार करते रहे, लेकिन पायलट को इसकी परमिशन ही नहीं मिली। जब राज्यपाल ने इसके पीछे का कारण पूछा तो किसी ने इसकी वजह नहीं बताई। आखिरकार वह विमान से उतर गए।

बीजेपी नेता बोले-हम भी ऐसी ही राज्य से बाहर करेंगे 
राज्य के बीजेपी नेताओं ने राज्य सरकार के इस कदम की काफी आलोचना कर रहे हैं। भाजपा सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल को विमान से उतार दिया गया और आने वाले समय में लोग इन्हें को सत्ता से बाहर करेंगे। वहीं जब मीडिया ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे विषय में कोई जानकारी ही नहीं है।

सीएम से लेकर चीफ सेक्रेटरी को पहले  थी जानकारी
वहीं इस मामले राजभवन की तरफ से कहा गया कि 2 फरवरी को ही राज्य सरकार यह जानकारी दे गई थी कि राज्यपाल देहरादून जाएंगे। राजभवन के अधिकारियों ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में जिसको भी सूचना देने होती है सीएम से लेकर एविएशन और प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी को बता दिया गया था। फिर आज ऐसा हुआ यह गलत है। प्लेन में बैठने के बाद राज्य सरकार से बयान आया कि ये यात्रा नहीं हो पाएगी, जिसके बाद दूसरे प्लेन का टिकट लिया गया और फिर राज्यपाल देहरादून के लिए रवाना हुए।

सरकार और राज्यपाल का यह विवाद नया नहीं है
बता दें कि महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महा विकास अघाडी सरकार के रिश्ते राज्य में सरकार बनने के बाद से ही ठीक नहीं चल रहे हैं। इससे पहले अक्टूबर 2020 में उद्धव ठाकरे को 'हिंदुत्व का मजबूत समर्थक' बताते हुए, राज्यपाल ने उन्हें एक व्यंग्यात्मक पत्र लिखा था। इसमें लिखा था कि आश्चर्य हो रहा है कि क्या सीएम को पूजा के स्थानों के फिर से खोले जाने के कदम को स्थगित रखने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है या फिर आप खुद को धर्मनिरपेक्ष बना चुके हैं।