सार

राणा दंपति पर IPC की धारा 124-A के तहत राजद्रोह का केस लगाया गया है। इसके साथ ही उन पर कुछ छह मामलों में केस दर्ज किया गया है। जिसमें सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और पुलिसकर्मियों से बदसलूकी का आरोप भी लगाया गया है। 

मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) हनुमान चालीसा विवाद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा (Ravi Rana) को 10वें दिन भी जमानत नहीं मिल पाई है। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब फैसले के लिए बुधवार का समय तय किया है। जानकारी के मुताबिक, आज हुई सुनवाई में पूरा ऑर्डर नहीं लिखा जा सका है और मंगलवार को ईद होने के चलते कोर्ट बंद रहेगा। ऐसे में फैसले की तारीफ चार मई तय की गई है। अब इसी दिन पता चलेगा कि राणा दंपति को बेल मिलेगी या फिर उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा।

30 अप्रैल को नहीं मिली थी राहत
इससे पहले शनिवार को राणा दंपति को कोर्ट ने जमानत नहीं दी थी। तब कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाने को कहा था। शनिवार को  राणा दंपति के वकील ने कोर्ट में कहा कि दोनों पति-पत्नी जनता द्वारा चुने हुए नेता हैं। वे कहीं भागेंगे नहीं, इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। दोनों की एक आठ साल की बेटी है। इस दंपति पर कुछ शर्तें लगाई जा सकती हैं लेकिन उनको बाहर बेल मिलनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत में कई और तर्क भी रखे गए। 

पुलिस ने राजद्रोह को बताया उचित
इससे पहले 29 अप्रैल को हुई सुनवाई में मुंबई पुलिस ने कोर्ट को बताया कि राणा दंपति पर लगाई गई राजद्रोह की धारा गलत नहीं है क्योंकि इन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का काम किया है। ऐसा करने के पीछे उनका मकसद था सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को हिंदू विरोधी साबित करना। था खार पुलिस ने कोर्ट से जमानत न देने की अपील की थी।

क्यों जेल में राणा दंपति
बात 23 अप्रैल की है जब सासंद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया। उन्होंने बाद में यह फैसला वापस ले लिया लेकिन इसके बाद हजारों की संख्या में शिवसैनिक वहां जमा हो गए। इसके बाद पुलिस ने राणा दंपति को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले मुंबई पुलिस की मांग और अदालत में ज्यादा पेंडिंग केस होने के कारण उनकी जमानत पर सुनवाई 29 अप्रैल तक टाल दी गई थी। 

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