सार
मुंबई की विशेष अदालत ने गुरुवार को सबूतों की कमी के आधार पर 2009 में हुए दोहरे मर्डर कांड के आरोपी छोटा राजन सहित तीन लोगों को गुरूवार के दिन हुई सुनवाई में रिहा कर दिया। प्रोसेक्यूटर मामले में उचित एविडेंस नहीं उपलब्ध करा सका।
मुंबई (mumbai). महाराष्ट्र के मुबंई जिले से एक बड़ी खबर सामने आई। आज यानि गुरुवार के दिन सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में 2009 में हुए डबल मर्डर केस की सुनवाई हुई। जिस पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने छोटा राजन सहित तीन आरोपियों को बरी कर दिया। फैसले को विशेष अदालत के विशेष जज ए एम पाटिल ने सुनाया। आरोपियों के रिहा करने की वजह बताते हुए न्यायाधीश ने कहा कि प्रोसेक्यूटर के द्वारा उचित संदेह के तहत केस को साबित नहीं कर सका। बरी होने में छोटा राजन, मोहम्मद अली शेख, उम्मेद शेख और प्रणय राणे है।
ये था मामला
प्रोसेक्यूटर के अनुसार साल 2009 के जुलाई महीने में दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा इलाके में दो आरोपियों द्वारा एक व्यक्ति साहिद गुलाम हुसैन या छोटे मिया को फुटपाथ पर बीच रास्ते गोली मार दी थी। उसके साथ मौजूद साथी वहां से भागने लगे तो हमलावरों ने उन पर भी फायरिंग की जिसमें एक और साथी सईद की जान चली गई थी। घटना की जांच में पुलिस ने एक आरोपी प्रणय राणे को अरेस्ट करने में सफलता हासिल की थी। जिसके बयान के आधार पर तीन अन्य लोगों को घटना में शामिल होना बताया गया जिसके बाद सस्पेक्ट के रूप में बाकी को पकड़ा गया था।
सबूतो की कमी ने बचाया, पर राजन अभी भी रहेगा जेल में
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज ने बताया कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के केस में जुड़े होने के कोई भी स्ट्रांग एविडेंस नहीं प्रस्तुत कर पाया है। जिसके चलते सभी को रिहा किया जा रहा है। हालांकि छोटा राजन अभी भी जेल मे ही रहेगा क्योंकि उस पर अन्य केस भी चल रहे है। जिसमें उसे रिपोर्टर जे डे हत्याकांड में दोषी पाया गया था। वह इंडोनेशिया के बाली में पकड़ाया था, वहां से लाने के बाद उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहा है।