सार

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह सुसाइड मिस्ट्री की जांच को लेकर सवालों में घिरी मुंबई पुलिस से जुड़ीं ये दो घटनाएं पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे। मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली इतनी भी लचर नहीं है कि हर बार उस पर उंगुलियां उठाई जाएं। मुंबई पुलिस फाइलें तब तक बंद नहीं करती, जब तक कि केस सॉल्व नहीं हो जाता..भले जांच-पड़ताल में सालों गुजर जाएं। पढ़िए ये दो खबरें...

मुंबई. यह हैं पिंकी डिकुना। इन्होंने 8 फरवरी 1994 को शाम 7 बजे चर्चगेट से ट्रेन पकड़ी थी। इसी दौरान एक चोर उनके गले से 7 ग्राम की सोने की चेन झपटकर भाग गया था। मुंबई सेंट्रल रेलवे पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर शैलेन्द्र धिवार ने बताया कि पुलिस ने 15 अप्रैल को चोर को पकड़कर चेन बरामद की। पुलिस ने पिंकी से संपर्क करने की कोशिश की। मालूम चला कि वे अब ठाणे में नहीं रहतीं। काफी ढूंढने के बाद पिंकी वसई इलाके में मिलीं। जब पुलिस ने उन्हें कॉल करके चेन के बारे में बताया, तो वे हैरान रह गईं। हालांकि वे खुश भी थीं।

14 साल बाद मिला चोरी गया पर्स...
मुंबई. यह हैं हेमंत पडल्कर। जब ये 28 साल के थे, तब इनका पर्स चोरी हुआ था। बात 2006 की है। हेमंत सीएसएमटी से पनवेल की लोकल में यात्रा कर रहे थे। इसी दौरान उनका पर्स चोरी हो गया। पर्स में 900 रुपए थे। इसमें एक 500 का नोट भी था। इसकी शिकायत उन्होंने जीआरपी में की थी। कुछ समय तक तो वे पर्स मिलने की उम्मीद पाले रहे। लेकिन जब लंबे समय तक पुलिस की ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिला, तो हेमंत ने पर्स को भूल जाना ही बेहतर समझा। हेमंत ने बताया कि उनका पर्स वाशी के पास गायब हुआ था। अचानक इसी अप्रैल में वाशी थाने से उनके पास फोन आया कि उनका पर्स मिल गया है। यह सुनकर उन्हें बड़ी हैरानी हुई। लेकिन लॉकडाउन के चलते वे थाने नहीं गए। पिछले दिनों वे थाने पहुंचे और अपना पर्स लिया। लेकिन पुलिस अधिकारी ने उन्हें पर्स में मिला 500 का नोट देने से मना कर दिया। क्योंकि यह नोट नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो गया है। हेमंत भी मुस्करा कर बचे 400 रुपए लेकर घर आ गए।