सार
मुंबई के घाटकोपर के नीलयोग मॉल के किड्स जोन में स्लाइडर से फिसलने के बाद साढ़े तीन साल की बच्ची दलीशा वर्मा की मौत हो गई। पंत नगर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। लेकिन बच्ची की मां ने किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
मुंबई. यहां के घाटकोपर मॉल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। घाटकोपर के नीलयोग मॉल(Neelyog MallGhatkopar) के किड्स जोन में स्लाइडर से फिसलने के बाद साढ़े तीन साल की बच्ची दलीशा वर्मा की मौत हो गई। पंत नगर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। लेकिन बच्ची की मां ने किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। दरअसल, स्लाइडर से फिसलने के बाद बच्ची को चक्कर आए थे। उसकी मां उसे अस्पताल लेकर गई, लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका। बच्ची को कहीं कोई चोट नहीं थी, लिहाजा यह मौत रहस्य बनकर रह गई है।
इकलौती बेटी थी दलीशा, जानिए पूरी डिटेल्स...
पोस्टमॉर्टम में दलीशा की मौत को लेकर कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। उसके माता-पिता को भी किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई संदेह नहीं है। राजावाड़ी अस्पताल के डॉक्टरों ने आगे के विश्लेषण के लिए बच्ची के विसरा और रक्त के सैम्पल जांच के लिए भेजे हैं।
30 अक्टूबर की दोपहर तिलक नगर निवासी कर्ण वर्मा और उनकी पत्नी परमवीर कौर अपनी इकलौती संतान दलीश के साथ घाटकोपर पूर्व के नीलयोग मॉल में गए थे। वे बच्ची को लेकर 5वीं मंजिल पर किड जोन में गए। पुलिस सूत्रों ने कहा कि दलिश एक लहराती स्लाइड( wavy slide) पर चढ़ गई और ग्लाइडिंग करते हुए नीचे आई। लेकिन जैसे ही वह उतरी, उसे चक्कर आने लगा। उसकी मां तुरंत उसे किड्स जोन से बाहर लेकर गई, लेकिन वो गिर पड़ी।
फिर जानिए क्या हुआ?
दलिश के माता-पिता उसे मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल ले गए, लेकिन वहां चेकअप करते ही मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल ने तब पंत नगर पुलिस को सूचित किया, क्योंकि घटना उनके अधिकार क्षेत्र में हुई थी। माता-पिता ने पुलिस को बताया कि उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगा, क्योंकि उनकी बेटी उनके सामने खेल रही थी। पंत नगर पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर रविदत्त सावंत ने कहा-"बच्ची के माता-पिता ने हमें बताया कि उन्हें किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी। हमने आकस्मिक मौत(accidental death) की रिपोर्ट दर्ज की है।
क्या हो सकती है मौत की वजह?
राजावाड़ी अस्पताल में बच्ची का पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों को शरीर पर कोई सतही चोट नहीं मिली। डॉक्टरों ने मौत के कारणों पर अपनी राय सुरक्षित रखी और आगे के विश्लेषण के लिए विसरा और रक्त के नमूने हिस्टोपैथोलॉजी विभाग को भेज दिए। पुलिस को संदेह है कि उबड़-खाबड़ सतह से टकराने के बाद बच्ची को इंटरनल ब्लीडिंग हुई होगी। उस समय किड जोन में एक अटेंडेंट मौजूद थी। उसने कहा-“मैं खेल रहे बच्चों की हेल्प कर रही थी। अचानक मैंने एक लड़की को गिरते हुए देखा। उसकी मां ने उसे जगाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं उठी तो उन्होंने उसे बाहर निकाला। मंगलवार(1 नवंबर), हमें पता चला कि वह मर चुकी है। हर दिन, हम यहां सैकड़ों बच्चों को खेलते देखते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है।” बच्ची के पिता एक फाइनेंस कंपनी में काम करते हैं। सीसीटीवी फुटेज में भी कोई लापरवाही या बेईमानी नहीं दिखती है। जोन 7 के पुलिस डिप्टी कमिश्नर प्रशांत कदम ने कहा-"फिलहाल हमने आकस्मिक मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मौत का कारण मिलने के बाद हम अंतिम निर्णय लेंगे।"
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