सार
महाराष्ट्र सरकार द्वारा यहां अजंता और एलोरा की गुफाओं के बाहर बनाए गए दो पर्यटक आगंतुक केंद्रों को पांच करोड़ रुपये के बिजली और पानी के बकाए के चलते बंद कर दिया गया है
औरंगाबाद: महाराष्ट्र सरकार द्वारा यहां अजंता और एलोरा की गुफाओं के बाहर बनाए गए दो पर्यटक आगंतुक केंद्रों को पांच करोड़ रुपये के बिजली और पानी के बकाए के चलते बंद कर दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इन केंद्रों को जापानी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) से प्राप्त निधि की मदद से स्थापित किया गया था। यूनेस्को विरासत की सूची में शामिल विश्व प्रसिद्ध इस धरोहर स्थलों के इतिहास एवं महत्व के बारे में तमाम सूचनाएं उपलब्ध कराने के मकसद से स्थापित इन केंद्रों में गुफाओं के भीतर स्थित कुछ मूर्तियों के प्रतिरूप भी मौजूद हैं।
एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने ये दो केंद्र 2013 में स्थापित किए थे जिनके लिए दो चरणों में 125 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं है।
पांच से छह बार मांग चुके है निधि
उन्होंने बताया कि इसके लिए बड़ी राशि जेआईसीए ने दी थी। उन्होंने बताया कि ये केंद्र कुछ समय के लिए ठीक-ठाक चले लेकिन पिछले साल सितंबर में इन्हें बंद कर दिया गया क्योंकि वहां पानी और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई थी।
अधिकारी ने कहा, ''इन दोनों केंद्रों का बकाया अब पांच करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा,''महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) ने सरकार से इन बकायों के भुगतान के लिए पांच से छह बार निधि मांगी है। हमें पिछले साल पांच करोड़ रुपये मिले थे लेकिन वह पुराना बकाया चुकाने में खर्च हो गए।''
अधिकारी ने कहा कि एमटीडीसी को सभी बकाए चुकाने और इन केंद्रों को फिर से शुरू करने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इन केंद्रों के लिए नियमित रूप से निधि जारी करनी चाहिए।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)